कोलकाता : पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के रामपुरहाट थाना इलाके में हुई आगजनी में 10 लोगों की मौत की घटना को लेकर राज्यपाल जगदीप धनखड़ और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच टकराव शुरू हो गया है। राज्यपाल की तरफ से घटना को दुखद और कानून व्यवस्था की बदहाली का संकेत बताए जाने पर मंगलवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पत्र लिखकर राज्यपाल पर घटना को लेकर राजनीति करने के आरोप लगाये थे। सीएम के आरोपों का जबाव देने के लिए बुधवार को राज्यपाल ने उन्हें तीन पन्नों का पत्र लिख कर उनके रवैये की आलोचना की है।
अपने पत्र में राज्यपाल ने लिखा है, “मुख्यमंत्री जी आपने अपने पत्र में लिखा है कि बीरभूम की घटना राज्य की छवि खराब करने की साजिश हो सकती है जो जांच में सामने आएगी। आपका यह कहना असली अपराधियों को बचाने का जरिया है और आप उसी का रास्ता बना रही हैं।”
धनखड़ ने अपने पत्र में राज्य सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल पर भी सवाल खड़ा करते हुए कहा कि जिस ज्ञानवंत सिंह के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया है वह खुद ही आपराधिक मामलों में कोर्ट में नामजद हैं। अपने पत्र में राज्यपाल ने लिखा है कि राज्य में इतनी बड़ी घटना हो जाए और मैं राजभवन में खामोश बैठा रहा हूं, ऐसा हो नहीं सकता। लोगों के हित में बोलना मेरा काम है और बोलता रहूंगा।
ममता के आरोपों का जबाव देते हुए राज्यपाल ने लिखा है, “वास्तविकता यह है कि राजनीतिक भाषा मैं नहीं बल्कि आप बोल रही हैं, क्योंकि इतनी बड़ी घटना पर भी इसे साजिश और अपराधियों को सजा देने के बजाय साजिशकर्ताओं को पकड़ने के आपके दावे जघन्य अपराध की घटना में अपराधियों को बचाने की कोशिश के अलावा और कुछ नहीं हैं।’’
बंगाल को सबसे शांत राज्य बताये जाने के सीएम के दावे का जिक्र करते हुए राज्यपाल ने अपने पत्र में लिखा है कि आपका यह दावा दुनिया का सबसे बड़ा मजाक है, क्योंकि बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद मानवाधिकार आयोग ने कहा था कि बंगाल में कानून का नहीं बल्कि शासक का शासन है।