बीरभूम नरसंहार : सीबीआई जांच संबंधी हाई कोर्ट के आदेश पर तृणमूल नाखुश, विपक्षी दल खुश

कोलकाता : बीरभूम जिले के रामपुरहाट ब्लाक के बगटुई गांव में आठ लोगों को जिंदा जलाए जाने की घटना को लेकर हाई कोर्ट के सीबीआई से जांच कराने संबंधी आदेश से तृणमूल कांग्रेस नाखुश दिखी। वहीं कोर्ट के आदेश से भाजपा सहित राज्य के अन्य विपक्षी दल खुश दिखे।

शुक्रवार को तृणमूल पार्टी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बीरभूम नरसंहारकांड की निष्पक्ष जांच की पक्षधर हैं। वह घटनास्थल पर गईं, पीड़ितों को मुआवजा दिया और नौकरी का आश्वासन दिया। साथ ही वे जांच को सही दिशा में ले जाने का निर्देश भी दे रही हैं। बावजूद इसके हाई कोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दे दिए। इससे राज्य की जांच एजेंसियों का मनोबल गिरेगा। उन्होंने दोहराया कि राज्य सरकार कोर्ट के आदेशानुसार सीबीआई जांच में पूरा सहयोग करेगी। उन्होंने ईडी और सीबीआई भारतीय जनता पार्टी के भाई बताते हुए बीरभूम की घटना पर दुःख जताया।

ममता कैबिनेट में मंत्री और कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम ने कहा कि ममता बनर्जी किसी भी घटना की निष्पक्ष जांच में कभी भी राजनीतिक रंग नहीं देखतीं। हाई कोर्ट ने सीबीआई जांच का आदेश दिया है लेकिन कई बार इसी कोर्ट ने सीबीआई और ईडी जैसी एजेंसियों को पिंजरे का तोता कहा है। राज्य सरकार की एसआईटी इस घटना की जांच को काफी आगे ले गई थी। उन्होंने केंद्रीय एजेंसियों की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि इसके पहले भी कई मामलों की जांच केंद्रीय एजेंसी को सौंपी गई थी लेकिन कोई बहुत अधिक लाभ नहीं हुआ। तृणमूल कांग्रेस के एक और प्रवक्ता देवांग्शु भट्टाचार्य ने कहा कि ऐसी घटनाओं में जब राज्य सरकार प्रतिबद्धता से जांच को आगे बढ़ा रही है तब सीधे सीबीआई को जांच का जिम्मा सौंप दिया जा रहा है।

दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि हाई कोर्ट का फैसला स्वागत योग्य है। ममता बनर्जी रुपये और नौकरी के जरिए मृतकों के परिवार को खरीदने की कोशिश कर रही थीं। घटना को दबाने की कोशिश हो रही थी ताकि उनकी पार्टी से जुड़े अपराधियों को बचाया जा सके लेकिन हाई कोर्ट ने जो फैसला किया है, वह राज्य सरकार के गाल पर थप्पड़ है।

माकपा नेता सुजन चक्रवर्ती ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी घटनास्थल पर गई थीं और पूरे साक्ष्य को दबाकर जांच को दूसरे दिशा में मोड़ने की कोशिश कर रही थीं। कोर्ट का आदेश स्वागत योग्य है। उन्हें सीबीआई जांच पर बहुत अधिक भरोसा नहीं है। उन्होंने कहा कि ममता की एसआईटी और अमित शाह के सीबीआई में कोई अंतर नहीं है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी हाई कोर्ट के आदेश का स्वागत करते हुए कहा कि न्याय व्यवस्था पर भरोसा है। सीबीआई जांच का फैसला स्वागत योग्य है लेकिन कोर्ट की निगरानी में जांच होती तो और बेहतर होता।

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