इतिहास के पन्नों में : 28 मार्च – आध्यात्म को समर्पित योगीराज, जिन्होंने गृहस्थ जीवन का भी त्याग नहीं किया

आध्यात्मिक नेता, दार्शनिक, वैश्विक शांति कार्यकर्ता योगीराज वेथाथिरी महर्षि ऐसे व्यक्तित्व के रूप में प्रतिष्ठित हैं, जिन्होंने गृहस्थ जीवन से नाता तोड़े बिना स्वदेशी सिद्ध परंपरा में जीवन व्यतीत किया। उन्होंने विश्व शांति के लिए 14 सिद्धांत प्रदान किए। इसके साथ दुनिया भर में 300 से अधिक योग केंद्रों की स्थापना की और तमिल व अंग्रेजी में 80 पुस्तकें लिखीं। उनकी लिखी कई पुस्तकें पाठ्यक्रम में शामिल हैं।

14 अगस्त 1911 को तमिलनाडु स्थित गुडुवनचेरी में जन्मे वेथाथिरी महर्षि ने 98 वर्ष की उम्र में 28 मार्च 2006 को कोयंबटूर में देह का त्याग किया। उनका जन्म गरीब बुनकर परिवार में हुआ और उन्होंने आगे चलकर एक कपड़ा कंपनी की स्थापना की। कहते हैं कि 35 साल की उम्र में उन्हें पूर्ण ज्ञान की प्राप्ति हुई और 50 साल की उम्र में उन्होंने स्वयं को आध्यात्मिक सेवा के लिए पूरी तरह समर्पित कर दिया। भारतीय दार्शनिक परंपरा में उनका दर्शन शुद्ध अद्वैत से मेल खाता है। 2010 में योगीराज वेथाथिरी महर्षि के सम्मान में डाक टिकट जारी किया गया।

अन्य अहम घटनाएंः

1552ः सिक्खों के दूसरे गुरु अंगद देव जी ने शरीर का त्याग किया।

1868ः सुप्रसिद्ध रूसी साहित्यकार मैक्सिम गोर्की का जन्म।

1896ः गणितज्ञ, हिंदी विश्वकोष के संपादक और बहुमुखी प्रतिभा संपन्न लेखक गोरख प्रसाद का जन्म।

1941ः अंग्रेज सरकार की नजरबंदी से बचकर नेताजी सुभाषचंद्र बोस बर्लिन पहुंचे।

1958ः चीन ने तिब्बत की सरकार भंग की।

1986ः पॉप गायिका लेडी गागा का जन्म।

2006ः हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल का निधन।

2015ः भारतीय खिलाड़ी सायना नेहवाल दुनिया की नंबर एक महिला बैडमिंटन खिलाड़ी बनीं।

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