पश्चिम बंगाल की बिगड़ती कानून व्यवस्था पर “बांग्लार मन” ने जताई चिंता, लोगों से अन्याय का विरोध करने की अपील

कोलकाता : बीरभूम के बगटुई की घटना हो या आए दिन राज्य में हो रही हत्याओं की, यहाँ तक कि राज्य विधानसभा भी सोमवार को सत्ता और विरोधी पार्टी के बीच की लड़ाई से राज्य के बदहाल हालात की कहानी कह गया।
पश्चिम बंगाल की बदहाल कानून व्यवस्था के विरोध में वे राज्य के लोगों में अन्याय का विरोध करने का आह्वान करने के लिए “बांग्लार मन” संस्था ने प्रेस क्लब में मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन का आयोजन किया।

इस सम्मेलन में मानस घोष, पुलक नारायण धर, पूर्व आईपीएस डॉ. बानीपद साहा, पृथ्वीराज सेन, पापिया अधिकारी, पद्मश्री काजी मासूम अख्तर समेत अन्य गण्यमान्य लोग मौजूद थे।

सभी अतिथियों ने एक स्वर में पश्चिम बंगाल के बदहाल कानून व्यवस्था की निंदा की और भावी समय के बदतर हालात पर चिंता जाहिर की।

काजी मासूम अख्तर ने कहा कि जनता का वोट पाकर सत्तारूढ़ पार्टी स्वयं को लोगों का मसीहा समझने लगी है। यहाँ सिंडिकेट राज की छूट है, बालू चोरी की छूट है, वसूली की छूट है, लोगों की हत्या कर शव छिपाने की छूट है लेकिन अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने की नहीं।

उन्होंने कहा कि यह समय चुप रहने का नहीं है, बल्कि एकजुट होकर अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने की है। तभी राज्य बचेगा, देश बचेगा और आने वाला समय बेहतर होगा।

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