कोलंबो : श्रीलंका में आर्थिक संकट के साथ सियासी संकट भी कम होने का नाम नहीं ले रहा है। स्थितियां सामान्य करने के लिए सोमवार को नए वित्त मंत्री नियुक्त किये गए अली साबरी ने 24 घंटे के भीतर इस्तीफा दे दिया। दूसरी तरफ विपक्ष की मांग के बावजूद राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने पद छोड़ने से इनकार कर दिया है।
सोमवार को राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने अपने भाई बेसिल राजपक्षे को बर्खास्त करने के बाद अली साबरी को वित्त मंत्री नियुक्त किया था। 24 घंटे भी नहीं बीते थे कि अली साबरी ने मंगलवार को वित्त मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। साबरी ने राष्ट्रपति को लिखे एक पत्र में कहा कि उन्होंने एक अस्थायी उपाय के तहत यह पद संभाला था। विचार विमर्श करने और वर्तमान स्थिति को ध्यान रखते हुए मेरी महामहिम को सलाह है कि अभूतपूर्व संकट का सामने करने के लिए नए और सक्रिय उपाय किए जाएं। उन्होंने कहा कि इस समय नए वित्त मंत्री की नियुक्ति सहित कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जाने की जरूरत है।
इससे पहले राष्ट्रपति ने सर्वदलीय सरकार की पहल करते हुए विपक्षी दलों से सरकार में शामिल होने का आह्वान किया था। उन्होंने विपक्ष को संयुक्त सरकार में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था। उनकी इस कोशिश को सफलता नहीं मिली है। विपक्ष ने श्रीलंका की सरकार में शामिल होने से इनकार कर दिया है। विपक्ष की मांग के बावजूद राष्ट्रपति गोटबाया ने पद छोड़ने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि वह संसद में 113 सदस्यों का बहुमत साबित करने वाले किसी भी दल को सत्ता सौंपने को तैयार हैं।