बेगूसराय : सूर्योपासना का चार दिवसीय पर्व चैती छठ शुक्रवार को उदयाचल गामी (उगते हुए सूर्य) को अर्घ्य देने के साथ ही संपन्न हो गया। इसके बाद एक-दूसरे के यहां प्रसाद पहुंचाने का दौर शुरू हो गया। छठ को लेकर एक ओर जहां हर घर में अस्थाई तालाब बनाए गए थे, वहीं कुछ लोगों ने पोखर एवं तालाब पर जाकर भी अर्घ्य दिया। बड़ी संख्या में लोगों ने गंगा घाटों पर भी जाकर शुक्रवार की शाम डूबते हुए सूर्य तथा शनिवार की सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दान किया।
शुक्रवार को व्रती परिजन के साथ अहले सुबह से ही घाट पर बैठकर सूर्योदय का इंतजार कर रहे थे। सूर्योदय की लालिमा दिखते ही सभी लोगों ने पारंपरिक श्रद्धा, भक्ति और उल्लास के साथ सपरिवार सूर्यदेव को अर्घ्य दिया। इसके बाद व्रतियों ने विभिन्न मठ-मंदिरों में जाकर पूजा अर्चना की तथा सूर्य देव एवं अन्य देवी-देवताओं से परिवार, समाज और देश के सुखद भविष्य की कामना किया। इसके बाद पारन कर 36 घंटे के निराहार व्रत का समापन किया।