कोलकाता : स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) की ग्रुप-डी भर्ती में भ्रष्टाचार मामले में सोमवार को कलकत्ता हाई कोर्ट में महत्वपूर्ण रिपोर्ट पेश की गई। हाई कोर्ट के अधिवक्ता रंजीत कुमार बाग की अध्यक्षता वाली विशेष जांच समिति ने न्यायमूर्ति सुब्रत तालुकदार और न्यायमूर्ति आनंद कुमार मुखर्जी के खंडपीठ के समक्ष रिपोर्ट पेश की। साथ ही तत्कालीन शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की अनुमति से एसएससी और माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से गठित पांच सदस्यीय सलाहकार समिति को भी जांच समिति ने अवैध घोषित कर दिया। जांच समिति के सदस्य और वकील अरुणाभ बनर्जी ने खंडपीठ में रिपोर्ट पेश की है।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि तत्कालीन एसएससी नियुक्ति अधिकारी समरजीत आचार्य और सलाहकार समिति के प्रमुख शांतिप्रसाद सिन्हा ने नियुक्ति पत्र में फर्जीवाड़ा किया था। इसलिए अदालत को सूचित किया गया है कि उनके खिलाफ उपयुक्त धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जाये। साथ ही जांच समिति के सदस्यों ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा मंडल के अध्यक्ष कल्याणमय गांगुली भी सीधे तौर पर भ्रष्टाचार में लिप्त थे। जांचकर्ताओं का दावा है कि कल्याणमय को फर्जी सिफारिशें भेजकर नियुक्ति पत्र देने वाले शांतिप्रसाद ही थे। यह भी बताया गया कि एसएससी के तत्कालीन अध्यक्ष को अंधेरे में रखा गया था।
वहीं, एसएससी के पांच संभागीय अधिकारियों सुबीरेश भट्टाचार्य, शर्मिला मित्रा, महुआ विश्वास, शुभजीत चटर्जी, शेख सिराजुद्दीन की जांच कर अनुशासन भंग करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की गई है।