खड़ी बोली की बात जब कभी होगी, अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ की चर्चा के बिना अधूरी रहेगी। पुरातन भारतीय संस्कृति के पक्षधर हरिऔध, द्विवेदी युग के ऐसे कवि थे, जिन्होंने खड़ी बोली का पहला महाकाव्य ‘प्रिय प्रवास’ लिखा। अपने चाहने वालों के बीच हरिऔध को ‘कवि सम्राट’ का मान हासिल है। हालांकि इसी नाम से उनकी एक प्रमुख कृति भी है।
कवि, निबंधकार और प्रखर सम्पादकों में शामिल अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ का जन्म 15 अप्रैल 1865 में उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के निजामाबाद में हुआ। उनकी विशिष्ट साहित्य सेवा के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा। हालांकि वे द्विवेदी युग के प्रमुख कवि हैं लेकिन उनका सृजन काल हिंदी के तीन युगों- भारतेंदु युग, द्विवेदी युग और छायावादी युग तक फैला है। उन्होंने गद्य और पद्य दोनों में हिंदी की सेवा की और संस्कृत छंदों का हिंदी में सफल प्रयोग किया। काव्य सृजन की पुरातन शैली के हिमायती हरिऔध का हिंदी कविता के विकास में बुनियादी योगदान है।
1947 में उनका निधन हो गया। उनके प्रमुख ग्रंथों में ‘ठेठ हिंदी का ठाठ’, ‘अधखिला फूल’, ‘हिंदी भाषा और साहित्य का विकास’ शामिल है। मूल रूप से कवि हरिऔध की दूसरी कृतियों में ‘प्रिय प्रवास’, ‘कवि सम्राट’, ‘वैदेही वनवास’, ‘पारिजात’, ‘रस कलश’ आदि शामिल हैं।
अन्य अहम घटनाएं:
1452: इटली के महान चित्रकार लिओनार्दो दा विंची का जन्म।
1940: भारत के सुप्रसिद्ध सारंगी वादक और शास्त्रीय गायक सुल्तान खान का जन्म।
1960: मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री नरोत्तम मिश्रा का जन्म।
1972: टीवी अभिनेत्री मंदिरा बेदी का जन्म।
1985: हैजा के जीवाणु पर शोध करने वाले भारतीय वैज्ञानिक शंभुनाथ डे का निधन।