कोलकाता : कलकत्ता हाई कोर्ट ने तृणमूल कांग्रेस समर्थित वकीलों के एक वर्ग द्वारा न्यायमूर्ति राजाशेखर मंथा के एकल पीठ के बाहर आपत्तिजनक तरीके से नारेबाजी और विरोध प्रदर्शन पर सुनवाई के लिए तीन जजों के विशेष पीठ का गठन किया है। यह पीठ न्यायमूर्ति राजाशेखर मंथा द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करेगा।
न्यायमूर्ति मंथा की अदालत के सामने गत सोमवार को हंगामा शुरू हुआ था जो न्यायमूर्ति की ओर से अदालत के आदेश की अवमानना का रूल जारी करने और इस मामले में स्वत: संज्ञान याचिका दायर करने के बाद बुधवार को शांत हुआ था। हालांकि सरकारी वकीलों ने उनकी अदालत का बहिष्कार जारी रखा है।
इस बीच, कलकत्ता हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव द्वारा गठित तीन-न्यायाधीशों के पीठ के सदस्य न्यायमूर्ति टी.एस. शिवज्ञानम, इंद्र प्रसन्ना मुखर्जी और चित्तरंजन दास अगले हफ्ते इस मामले की सुनवाई करेंगे।
इस बीच, बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने सोमवार और मंगलवार को हुए विरोध प्रदर्शनों की जांच के लिए कलकत्ता हाई कोर्ट में तीन सदस्यीय टीम भेजने का फैसला किया है।
सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता रवींद्र कुमार रायज़दा, इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस अशोक मेहता और दिल्ली हाई कोर्ट बार एसोसिएशन की कार्यकारी समिति की सदस्य वंदना कौर ग्रोवर की टीम 17 जनवरी को एक रिपोर्ट सौंपेगी।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए बार काउंसिल ऑफ वेस्ट बंगाल के अध्यक्ष और तृणमूल कांग्रेस के विधायक अशोक देब ने कहा, ‘’बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने पश्चिम बंगाल की बार काउंसिल से परामर्श किए बिना तथ्यान्वेषी टीम भेजने का फैसला किया। उस टीम में पश्चिम बंगाल का कोई प्रतिनिधि नहीं है। मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि फैक्ट फाइंडिंग टीम के सदस्यों को बार काउंसिल ऑफ वेस्ट बंगाल के किसी प्रतिनिधि को अपने साथ लिए बिना कोई स्वतंत्र जांच नहीं करनी चाहिए।’’