सन्तोष कुमार सिंह
नयी दिल्ली : राष्ट्रपति चुनाव के मद्देनजर विपक्षी एकजुटता के लिए तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण बैठक की। बैठक में कांग्रेस, शिवसेना, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, वाम दल समेत 17 दलों ने हिस्सा लिया। हालांकि, आम आदमी पार्टी, तेलंगाना राष्ट्र समिति, एआईएमआईएम जैसे दलों ने इस बैठक से किनारा कर लिया। बैठक में एनसीपी प्रमुख शरद पवार, एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल, सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ़्ती, डीएमके नेता टी.आर. बालू, राजद के सांसद मनोज झा, शिवसेना की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी, सीपीआई (एम-एल) के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य समेत कई अन्य नेता शामिल हुए।
यहां कांस्टीट्यूशन क्लब में हुई बैठक में सभी दलों ने एकजुट होकर एक उम्मीदवार के नाम पर सहमति बना कर राष्ट्रपति चुनाव में उतारने का फैसला किया।
ममता बनर्जी ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि आज की बैठक में सभी पार्टियाँ थीं। बैठक में तय हुआ कि हम केवल एक आम सहमति वाले उम्मीदवार का चयन करेंगे, हर दल उस उम्मीदवार को समर्थन देगा। उन्होंने कहा कि बैठक में शामिल सभी दल एक-दूसरे से सलाह मशविरा करेंगे, आगे फिर से सभी दलों की एक बैठक होगी।
ममता बनर्जी ने कहा कि हम सभी एनसीपी प्रमुख शरद पवार को राष्ट्रपति पद के लिए विपक्षी मोर्चे का उम्मीदवार बनाने के इच्छुक थे लेकिन पवार ने सहमति नहीं दी है, यदि वे सहमत होंगे तो सभी दल उनको समर्थन देंगे।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि विपक्षी दलों को राष्ट्रपति चुनाव के लिए आम सहमति के साथ उम्मीदवार तय करने में कांग्रेस रचनात्मक भूमिका निभाएगी।
वहीं, सुधीन्द्र कुलकर्णी ने कहा कि बैठक में शामिल सभी दलों ने आगामी राष्ट्रपति चुनाव में एक उम्मीदवार के नाम पर सहमति बनाने का निर्णय किया है। उन्होंने कहा कि हम एक ऐसा उम्मीदवार चुनेंगे जो वास्तव में संविधान के संरक्षक के रूप में काम कर सके और मोदी सरकार को भारतीय लोकतंत्र और सामाजिक ताने-बाने को और नुकसान पहुंचाने से रोक सके। बैठक में शामिल होने वाले दलों में कांग्रेस, माकपा, भाकपा, भाकपा-एमएल, आरएसपी, शिवसेना, एनसीपी, राजद, सपा, नेशनल कांफ्रेंस, जनता दल-एस, राष्ट्रीय लोकदल, आईयूएमएल और झारखंड मुक्ति मोर्चा शामिल रहे।