कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस के अखिल भारतीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने आखिरकार आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज में हुई घटनाओं पर अपनी चुप्पी तोड़ी और भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष की गिरफ्तारी की मांग की। उन्होंने सीबीआई पर सवाल उठाते हुए पूछा कि आखिर क्यों 14 दिनों के बाद भी संदीप घोष को गिरफ्तार नहीं किया गया है।
आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष पर भ्रष्टाचार के कई गंभीर आरोप हैं। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतें पहले भी आई हैं, लेकिन उनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। टीएमसीपी के स्थापना दिवस पर मेयो रोड पर आयोजित एक कार्यक्रम में अभिषेक बनर्जी ने पहली बार इस मामले में खुलकर बोला और संदीप घोष की गिरफ्तारी की मांग की। उन्होंने कहा कि चार दिन तक मामला कोलकाता पुलिस के पास था। 14 तारीख को अदालत ने मामला सीबीआई को सौंपा। लेकिन 14 दिन बीतने के बाद भी संदीप घोष की गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई? इसका जवाब सीबीआई को देना होगा।
अभिषेक बनर्जी के इस बयान के बाद दावा किया जा रहा है कि वह भी चाहते हैं कि संदीप घोष की गिरफ्तारी हो।
संदीप घोष, जो हमेशा से ही एक प्रभावशाली व्यक्ति माने जाते रहे हैं, उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के कई गंभीर आरोप हैं। उन पर अस्पताल की डेड बॉडी से लेकर अस्पताल के कचरे तक की अवैध तस्करी में शामिल होने का आरोप है। इन घोटालों की कुल रकम करोड़ों में बताई जा रही है। इतना ही नहीं, आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व डिप्टी सुपर अख्तर अली ने सबसे पहले संदीप घोष के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, लेकिन उन आरोपों की कोई जांच नहीं की गई। आख्तर अली का तबादला कर दिया गया, जबकि संदीप घोष आरजी कर में ही बने रहे। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर काफी समय से चर्चा चल रही है, लेकिन उनकी गिरफ्तारी अभी तक नहीं हुई है।
सोशल मीडिया पर भी संदीप घोष की गिरफ्तारी को लेकर सवाल उठ रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि संदीप घोष इतने ताकतवर हैं कि उनका प्रभाव मुख्यमंत्री तक है। अब, जब अभिषेक बनर्जी ने भी इस मामले में सवाल उठाए हैं, तो इसे लेकर तृणमूल कांग्रेस के भीतर भी चर्चा तेज हो गई है। अभिषेक बनर्जी ने कहा कि हम सम्मान करते हैं उन महिलाओं का जिन्होंने रात के समय सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया और एक बेहतर समाज की मांग की। हमें दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए और असली दोषियों को सजा मिलनी चाहिए।
इस घटनाक्रम ने पश्चिम बंगाल की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है और अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सीबीआई इस मामले में क्या कदम उठाती है।