कोलकाता : स्कूल ऑफ एजुकेशन, एडमास यूनिवर्सिटी ने गुरुवार से अपना दो दिवसीय वार्षिक फ्लैगशिप इवेंट – एडुक्लेव 2022 शुरू किया। एडुक्लेव का विषय भविष्य के लिए एक बेहतर समाज बनाने में समावेशी शिक्षा (इनक्लूसिव एडुकेशन) की भूमिका पर केंद्रित है।
यहां समावेशी शिक्षा के विभिन्न पहलुओं, इसके आयामों और समावेशिता से जुड़े विषयों पर चर्चा की गई। सम्मेलन का उद्घाटन एडमस यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर नवीन दास और एडमास यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ एजुकेशन और एसोसिएट डीन, स्कूल ऑफ लिबरल आर्ट्स एंड कल्चर स्टडीज की निदेशक शाउली मुखर्जी ने प्रतिनिधियों की उपस्थिति में किया।
एडुक्लेव के स्टॉकहोम यूनिवर्सिटी के विशेष शिक्षा विभाग के प्रोफेसर निहाद बुनर और स्टॉकहोम यूनिवर्सिटी के विशेष शिक्षा विभाग के अध्ययन निदेशक जरी लिनिक्को ने मुख्य वक्तव्य रखे। निहाद ने प्रवासियों और शरणार्थियों के लिए समावेशी शिक्षा की बात की। उनके अनुसार बच्चों को औपचारिक शिक्षा और शिक्षा के लिए वैकल्पिक लचीले रास्ते प्रदान किए जाने चाहिए। जरी ने समावेशी शिक्षा के विभिन्न आयामों जैसे शारीरिक, सामाजिक, मनोवैज्ञानिक और संज्ञानात्मक के बारे में अपने शब्द साझा किए। उन्होंने उन छात्रों के लिए नियमों पर भी प्रकाश डाला, जिन्हें विशेष सहायता की आवश्यकता होती है और उनके सामने विभिन्न बाधाएं आती हैं।
“समावेशी पर्यावरण” पर एक पैनल चर्चा ने इस सम्मेलन में अन्वेषण के लिए एक और विशिष्ट पक्ष रखा। मंच पर पैनलिस्ट में स्टॉकहोम यूनिवर्सिटी के विशेष शिक्षा विभाग की अध्ययन निदेशक मीना सेडेम, स्टॉकहोम यूनिवर्सिटी के विशेष शिक्षा विभाग की सीनियर लेक्चरर खालिदा गनी दत्त, स्टॉकहोम यूनिवर्सिटी के विशेष शिक्षा विभाग की सीनियर लेक्चरर एलिजाबेथ एन एडम्स लिंगबैक, और स्टॉकहोम यूनिवर्सिटी के विशेष शिक्षा विभाग की सीनियर लेक्चरर हेलेन नूट्स न्यकविस्ट के नाम शामिल रहे। पैनल में चर्चा किए गए प्रमुख मुद्दे “समावेशी वातावरण”, “अंतरपीढ़ीगत और आजीवन सीखने” और “सामाजिक न्याय” थे। विशेष बच्चों द्वारा रैम्प शो के साथ सम्मेलन की गड़गड़ाहट का क्षण आता है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ सेरिब्रल पाल्सी की डिप्टी डायरेक्टर, सहायक टेक्नोलॉजिस्ट और फिल्म निर्माता स्वाति चक्रवर्ती ने भी इस सम्मेलन में भाग लिया और उसी के लिए अपने विचार साझा किए।