अग्रिम सतर्कता: चक्रवात ‘मोचा’ से निपटने के लिए एनडीआरएफ की 8 टीमें तैनात

कोलकाता : वैसे तो मौसम विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि बंगाल की खाड़ी में बना चक्रवाती तूफान ‘मोचा’ का बहुत अधिक असर पश्चिम बंगाल पर नहीं होगा। इसका सबसे घातक प्रभाव बांग्लादेश और म्यांमार पर पड़ना है। बावजूद इसके पश्चिम बंगाल के तटीय क्षेत्र खासकर दीघा में तेज आंधी तूफान के साथ बारिश हो सकती है। इससे जानमाल का नुकसान ना हो इसके लिए अग्रिम सतर्कता बरतते हुए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की आठ टीमें दीघा में तैनात की गई हैं।

एनडीआरएफ की सेकंड बटालियन के कमांडेंट गुरविंदर सिंह ने बताया कि हमने आठ टीमों को तैनात किया है। इनमें 200 प्रशिक्षित जवान हैं जो बचाव कार्य में दक्ष हैं। इसके अलावा 100 जवानों को स्टैंडबाई पर रखा गया है।

उल्लेखनीय है कि मौसम विभाग ने शुक्रवार को स्पष्ट कर दिया है कि चक्रवात धीरे-धीरे बांग्लादेश और म्यांमार के समुद्र तटीय क्षेत्रों की ओर बढ़ रहा है। वहां 14 मई की दोपहर बांग्लादेश के कॉक्स बाजार और म्यांमार के सीतवे में समुद्र तट पर इसके टकराने की आशंका है। उस समय करीब 150 से 175 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आंधी चल सकती है जिससे जानमाल के भारी नुकसान की आशंका है। बंगाल के तटीय क्षेत्रों से चक्रवात के टकराने की आशंका नहीं है, बावजूद इसके तेज आंधी तूफान के साथ बारिश होगी इसलिए अग्रिम सतर्कता बरतते हुए एनडीआरएफ की तैनाती की गई है। इनके साथ राज्य आपदा प्रबंधन बल के जवान भी मौके पर मौजूद हैं ताकि लोगों को सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाया जा सके।

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