हुगली : कोविड की वजह से न चाहते हुए भी ऑनलाइन पढ़ाई करने को मजबूर बच्चों के चेहरे स्कूल खुलने से एक बार फिर चमक उठे हैं। राज्य के सरकारी स्कूल बुधवार से ही खुल चुके हैं और कुछ प्राइवेट स्कूल गुरुवार से खुले।
हुगली जिले के हिंदमोटर एजुकेशन सेन्टर के एक अभिभावक ने स्कूल खुलने के बाद स्कूल में लौटी रौनक और बच्चों के चेहरे पर बिखरी खुशी को तस्वीरों में कैद कर सलाम दुनिया के साथ साझा किया है, जिसे हम प्रकाशित कर रहे हैं।
हिंदमोटर एजुकेशन सेन्टर की प्रिन्सिपल सोनिता रॉय ने कहा कि 3 फरवरी से 8 से 12 तक की कक्षाएं शुरू हो चुकी थीं। बच्चों की पूरी जिम्मेवारी लेने के साथ ही स्कूल में कोविड प्रोटोकॉल्स का पूरी तरह से पालन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह जो दो साल कोविड माहामारी में निकला है उसका सबसे ज्यादा नुकसान बच्चों को हुआ है। इन दो सालों में बच्चों का पढ़ाई में जो भी नुकसान हुआ उसकी भरपाई कैसे की जाए, इसको लेकर स्कूल की ओर से तैयारी की गई है। आज प्राथमिक कक्षा के बच्चों को स्कूल में आता देखकर काफी खुशी हो रही थी। ऐसे लग रहा था जैसे कोरोना के पहले की स्थिति एक बार फिर लौट आई है और बीच का दो साल बुरे सपने जैसा लग रहा था। स्कूल खुलने से शिक्षक व बच्चे सभी खुश हैं। दो साल तक स्कूल बंद रहने से बच्चों की आदतों में काफी परिवर्तन आया है। ऐसे में बच्चों के साथ प्यार से बातचीत कर उनके अंदर फिर से सामान्य आदतों का विकास करने के लिए शिक्षकों को विशेष निर्देश दिए गए हैं।
गौरतलब है कि राज्य सरकार द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार 16 फरवरी से पश्चिम बंगाल में प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों को खोलने के निर्देश दिए गए थे। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा एक तय नियमानुसार के साथ ही विद्यालयों को खोलने की अनुमति है। स्कूलों को खोलने से पहले सैनिटाइज किया गया है और कोरोना का नियमों का पालन किया जा रहा है।