चंदन मंडल की गिरफ्तारी के बाद मामाभगने गांव के लोगों को सता रहा नौकरी जाने का डर

बनगाँव : पश्चिम बंगाल के शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में बिचौलिए चंदन मंडल उर्फ रंजन की गिरफ्तारी की खबर फैलते ही उत्तर 24 परगना के बागदा के मामाभगने गांव के कुछ ग्रामीणों को अपनी नौकरी जाने का डर सता रहा है। सीबीआई ने शुक्रवार को चंदन मंडल को निजाम पैलेस तलब किया। गहन पूछताछ भी की गई। हालांकि, अंततः उन्हें अधिकारियों को गुमराह करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी की खबर गांव पहुंचने के बाद से चंदन के घर पर ताला लगा हुआ है। हालांकि, उनके परिवार ने इस आरोप को मानने से इनकार किया है कि चंदन ने नौकरी देने के नाम पर ठगी की है। चंदन के भाई ने कहा कि वह आम आदमी है और एक आम आदमी कभी सरकारी नौकरी नहीं दे सकता। प्रशासनिक अधिकारी और मंत्री नौकरी दे सकते हैं।

हालांकि, कुछ ग्रामीणों ने चंदन पर उन्हें धोखा देने का आरोप लगाया है। कई लोगों ने कहा कि पहले चंदन मंडल स्कूलों में नौकरी देने के नाम पर तीन लाख रुपये लेता था, बाद में यह रकम बढ़कर 12 लाख रुपये हो गई। स्थानीय लोगों ने यह भी कहा कि चंदन के झांसे में सिर्फ मामाभगने गांव के ही लोग नहीं आए, बल्कि मेदिनीपुर सहित राज्य के विभिन्न क्षेत्रों के लोग उसके धोखे का शिकार हुए हैं। उन्होंने चंदन को लाखों रुपये दिए। अब चंदन मंडल की गिरफ्तारी के बाद से कई लोगों के दिन नौकरी जाने के डर से कट रहे हैं।

ग्रामीणों का आरोप है कि चंदन ने नौकरी देने के नाम पर लाखों रुपये की चोरी की क्योंकि वह प्रभावशाली लोगों की छत्रछाया में था। उन्होंने दावा किया कि चंदन इलाके में काली पूजा करता था, उस काली पूजा में अनेक प्रभावशाली लोग मौजूद होते थे। हालांकि, बागदा विधायक विश्वजीत दास ने कहा कि चंदन उर्फ रंजन का तृणमूल से कोई लेना-देना नहीं है। बागदा से तृणमूल के विधायक रहे पूर्व मंत्री व पूर्व सीबीआई अफसर उपेन बिश्वास ने पिछले साल उक्त रंजन की नौकरी के दलाल के रूप में भूमिका का खुलासा किया था। उन्होंने उसे ‘सत रंजन’ का उपनाम दिया था।

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