कोलकाता : दिल्ली में तृणमूल कांग्रेस के सांसदों के बीच हाल ही में जिस तरह से आंतरिक कलह खुलकर सामने आई, उसने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को असहज कर दिया है।
सूत्रों के मुताबिक, सांसदों द्वारा सार्वजनिक रूप से एक-दूसरे के खिलाफ बयान देने से पार्टी अनुशासन पर सवाल खड़े हो गए हैं। ऐसे में विधायकों के खिलाफ सख्त कदम उठाना फिलहाल उचित नहीं माना गया। इसी कारण तृणमूल विधायक दल की अनुशासन समिति की बैठक स्थगित कर दी गई है।
मंगलवार को विधानसभा भवन में तृणमूल विधायक दल की अनुशासन समिति की बैठक होने वाली थी। समिति के अध्यक्ष शोभनदेव चटर्जी ने अन्य सदस्यों को बैठक का न्योता भी भेजा था। लेकिन ऐन मौके पर शोभनदेव ने फोन कर सभी सदस्यों को सूचित कर दिया कि बैठक रद्द कर दी गई है और अब विधानसभा आने की आवश्यकता नहीं है।
बैठक रद्द किए जाने के कारण को लेकर तृणमूल के मुख्य सचेतक वरिष्ठ विधायक निर्मल घोष ने कहा कि फिलहाल बैठक स्थगित कर दी गई है। जब अगली बैठक होगी, तब इसकी सूचना दी जाएगी। हालांकि, बैठक रद्द करने के कारण पर उन्होंने कोई टिप्पणी नहीं की।
पार्टी के एक वरिष्ठ सूत्र ने बताया कि दिल्ली में तृणमूल सांसदों के बीच जो विवाद छिड़ा है और जिस तरह से यह सार्वजनिक हुआ है, वह नेतृत्व के लिए बेहद असहज स्थिति पैदा कर रहा है। वरिष्ठ सांसद कल्याण बनर्जी ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पार्टी के दो सांसदों और एक महिला सांसद के खिलाफ बयान दिया। इसके बाद सांसद सौगत राय ने भी खुलकर कल्याण बनर्जी के विरोध में बयान दिया।
पार्टी के एक वर्ग का कहना है कि हाल के वर्षों में तृणमूल सांसदों ने इतने खुले तौर पर आपसी विरोध शायद ही कभी किया हो। ऐसे माहौल में यदि विधायकों के खिलाफ अनुशासनहीनता के आरोप में सख्त कार्रवाई की जाती, तो सांसदों के अनुशासन पर भी असहज सवाल खड़े हो सकते थे। इस स्थिति से बचने के लिए फिलहाल विधायक दल की अनुशासन समिति की बैठक स्थगित कर दी गई है।
गौरतलब है कि बजट सत्र के अंतिम दो दिनों में तृणमूल विधायक दल ने सभी विधायकों के लिए विधानसभा में उपस्थिति को अनिवार्य कर दिया था। हालांकि, फिलहाल विधायक दल के भीतर भी अनुशासन को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।