कोलकाता : कलकत्ता हाईकोर्ट ने गुरुवार को दस्तावेजों में हेर-फेर करने के आरोपित अधिवक्ता अरिंदम रॉय के खिलाफ फौजदारी मामला दर्ज करने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति देवांगशु बसाक के खंडपीठ ने बार काउंसिल को आरोपित अधिवक्ता के काम की जांच करने का निर्देश भी दिया है। न्यायमूर्ति ने रजिस्ट्रार जनरल को अधिवक्ता अरिंदम रॉय के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज कराने को कहा है।
अदालत के सूत्रों के मुताबिक वकील अरिंदम रॉय ने एक मामले में अपने मुवक्किल को जमानत दिलाने के लिए कई दस्तावेज कोर्ट में पेश किए, लेकिन उन दस्तावेजों के आधार पर उन्होंने एक अन्य मामले में जमानत हासिल की। दस्तावेजों के फर्जीवाड़े का यह मामला जब खंडपीठ के संज्ञान में आया तब न्यायमूर्ति देबांग्शु बसाक ने गुरुवार को सुनवाई के दौरान सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि वकील ने अदालत को गुमराह किया है। यह एक दंडनीय अपराध है।
खंडपीठ ने कहा कि न्यायमूर्ति सौमेन सेन ने भी पहले उक्त वकील को अदालत को भ्रमित करने पर चेतावनी दी थी। एक अन्य न्यायाधीश ने अरिंदम पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था। उसके बाद भी वकील दस्तावेजों के फर्जीवाड़े और हेर-फेर की अपनी आदत से बाज नहीं आए। इसके बाद कोर्ट ने कहा कि रजिस्ट्रार जनरल अरिंदम रॉय के खिलाफ आपराधिक कानून के तहत कार्रवाई करेंगे।
इधर कोर्ट के इस फैसले को लेकर बार काउंसिल भी अधिवक्ता के खिलाफ सख्त हो गया है। अधिकतर सदस्यों का कहना है कि अधिवक्ता के इस तरह के बर्ताव की वजह से वकालत का पेशा बदनाम हुआ है। उनके खिलाफ कानून के मुताबिक कदम उठाया जाएगा।