कोलकाता : कार्टून अंकन को लेकर उन्हें माओवादी करार देने के मामले में जादवपुर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अंबिकेश महापात्रा को बाइज्जत बरी कर दिया गया है। शुक्रवार को आये अलीपुर क्रिमिनल कोर्ट के इस फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए अंबिकेश ने इसे लोकतंत्र की जीत करार दिया।
उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “यह जीत उन लोगों को प्रोत्साहन देगी जो लोकतंत्र की रक्षा के लिए लड़ रहे हैं।” उन्होंने कहा कि नागरिक अधिकारों का हनन करने के लिए राज्य सरकार ने इतने सालों तक मामले को जिंदा रखा।
अंबिकेश ने लिखा, “अलीपुर क्रिमिनल कोर्ट में जो केस चल रहा था, उसका फैसला आ गया। पुलिस और प्रशासन ने बिना फैसला सुनाए 11 साल तक मामले को लटकाए रखा। कोर्ट ने अपने फैसले में मुझे बाइज्जत बरी करने और जमानत बांड की रकम लौटाने का निर्देश दिया। इसके साथ ही मामले का निस्तारण करने को कहा है।’’
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2012 में ममता बनर्जी, मुकुल रॉय और दिनेश त्रिवेदी को लेकर अंबिकेश महापात्रा ने एक मीम सोशल मीडिया पर शेयर किया था जिसके बाद उनके खिलाफ माओवादी गतिविधियों की धाराओं के तहत मामले दर्ज कर लिए गए थे। बाद में ये दोनों नेता तृणमूल छोड़कर भाजपा में चले गए लेकिन मामला चलता रहा। इस मामले में राज्य सरकार की भूमिका की काफी किरकिरी हुई थी।