तनावग्रस्त माहौल के बीच कोलकाता की सड़कों पर उतरे राज्यपाल, लेकटाउन में की पूजा

कोलकाता : पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस तनावग्रस्त माहौल के बीच हनुमान जयंती के दिन कोलकाता में परिस्थितियों का जायजा लेते नजर आए। राज्यपाल का काफिला गुरुवार को राजभवन से निकलकर सबसे पहले लेकटाउन स्थित एक हनुमान मंदिर गया। उन्होंने वहां बाल हनुमान मंदिर में पूजा-अर्चना की।

राज्यपाल का दूसरा गंतव्य एकबालपुर था। हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक कोलकाता पुलिस के साथ केंद्रीय बल भी इलाके में रूट मार्च कर रहा है। राज्यपाल का काफिला उस इलाके में उस समय घुसा जब कोलकाता पुलिस के अधिकारी केंद्रीय बल की टीम के साथ मयूरभंज रोड पर गश्त कर लगा रहे थे। राज्यपाल गाड़ी से उतरे और पुलिस अधिकारियों से बात करने लगे। इसके बाद उन्होंने केंद्रीय पुलिस बल के जवानों से बात की। इसके बाद राज्यपाल आम जनता की ओर बढ़े जो उन्हें फुटपाथ पर देखने के लिए एकत्र हुए थे। उन्होंने कई लोगों से बात की। सड़क किनारे दुकानों को देखकर वह उस ओर बढ़े और दुकानदारों से व्यापार की स्थिति के विषय में पूछा। इकबालपुर में राज्यपाल बोस ने आम लोगों को आश्वासन दिया और कहा कि मुझे नहीं लगता कि अब और शोर होगा। लोग बहुत सहयोगी हैं। मुझे विश्वास है, आज बंगाल पूरे देश में शांति और सद्भाव की एक विशेष मिसाल कायम करने जा रहा है।

इकबालपुर से होते हुए राज्यपाल का काफिला पोस्ता की ओर गया। राज्यपाल बोस ने यहां भी सबसे पहले पुलिस और केंद्रीय बलों से बात की। क्षेत्र के हालात की जानकारी ली। इसके बाद वह सड़क किनारे इंतजार कर रही भीड़ की ओर चल पड़े। उनकी नजर एक शरबत की दुकान पर पड़ी। उन्होंने दुकानदार से एक गिलास शरबत पिलाने को कहा। दुकानदार ने राज्यपाल के सामने शरबत तैयार किया। शरबत पीने के बाद राज्यपाल ने अपने पॉकेट से पैसे निकालकर दुकानदार को दिए। इस दौरान उन्होंने क्षेत्र के कुछ छोटे व्यापारियों से बात की। उन्होंने उनसे शांति और सद्भाव बनाए रखने की अपील की। किसी भी समस्या में पुलिस से बात करने की बात कही। उस समय राज्यपाल के साथ राज्य पुलिस के कुछ अधिकारी भी थे। राज्यपाल ने स्थानीय लोगों से बातचीत के बाद कलाकर स्ट्रीट के चार चौक स्थित हनुमान मंदिर में प्रवेश किया। उन्होंने वहां पूजा भी की।

वहीं, रामनवमी में हुए दंगों के बाद प्रशासन ने हनुमान जयंती पर हिंसक घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं। राज्य पुलिस के साथ-साथ केंद्रीय सेना के जवान भी सड़कों पर गश्त लगा रहे हैं।

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