कोलकाता : बिधाननगर पूर्व थाने के लॉकअप में एक आरोपित की गिरफ्तारी के 24 घंटे के भीतर संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मृतक की पहचान 55 वर्षीय रथीश देबनाथ के रूप में हुई है, जिन्हें बुधवार को फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाने के आरोप में रानाघाट से गिरफ्तार किया गया था। इस घटना के बाद पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं।
परिजनों ने शुक्रवार को आरोप लगाया है कि रथीश देबनाथ को थाने में शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया और उन्हें उनकी नियमित दवाइयां नहीं दी गईं, जिसके कारण उनकी मृत्यु हुई। मृतक के शरीर पर कई चोटों के निशान पाए गए हैं। परिवार ने सवाल उठाया है कि यदि मौत का कारण केवल बीमारी थी, तो उनके शरीर पर चोटों के निशान कैसे आए?
गुरुवार शाम पुलिस ने मृतक के परिवार को सूचना दी कि वह लॉकअप में बीमार पड़ गए थे और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। लेकिन देर रात उनकी मौत हो गई। पुलिस का कहना है कि उनकी मौत बीमारी के कारण हुई है, लेकिन परिवार इन दावों को खारिज करते हुए पुलिस पर अत्याचार और लापरवाही का आरोप लगा रहा है।
मृतक के भाई ने बताया कि रथीश देबनाथ नियमित रूप से दवाइयां लेते थे, लेकिन थाने में उन्हें यह दवाइयां नहीं दी गईं। उन्होंने दावा किया कि लॉकअप में उनके भाई के साथ मारपीट की गई, जिससे उनकी जान गई।
इस मामले को लेकर बिधाननगर पुलिस आयुक्तालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। हालांकि, बिधाननगर पूर्व थाने के अधिकारियों ने अब तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
घटना ने इलाके में सनसनी फैला दी है। परिजनों और स्थानीय लोगों ने न्याय की मांग करते हुए पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत के असली कारण का खुलासा हो सकेगा।