कोलकाता : मुर्शिदाबाद जिला अंतर्गत सूती के एक स्कूल में अपने ही बेटे का फर्जी सर्टिफिकेट बनाकर उसे शिक्षक के तौर पर नियुक्त करने का आरोप हेड मास्टर पर लगा है। इसकी जांच की सुस्त गति को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट के न्यायाधीश विश्वजीत बसु ने गुरुवार को एक बार फिर सीआईडी अधिकारियों को फटकार लगाई है। बुधवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान नाराजगी जताते हुए न्यायाधीश ने गुरुवार को सीआईडी के एडीजी को कोर्ट में पेश होने को कहा था। उसी के मुताबिक गुरुवार को सुनवाई शुरू हुई जिस पर न्यायाधीश ने जांच कर रहे अधिकारी से जांच टीम में शामिल अन्य सदस्यों का नाम पूछा तो उसे यह भी जानकारी नहीं थी।
इसके बाद कोर्ट ने कहा कि जब पिछले 18 जनवरी को मैंने सीआईडी जांच का आदेश दिया था तब मैंने एसआईटी के गठन का भी निर्देश दिया था उसमें कौन-कौन से लोग शामिल होंगे यह भी मैंने बताया था लेकिन आप लोगों की हिम्मत कैसे हुई कि अपनी मर्जी से उसमें सदस्यों का चुनाव किया? इसके जवाब में जांच अधिकारी ने कहा कि सब कुछ कागजी प्रक्रिया पूरी हो गई है। इस पर फटकार लगाते हुए न्यायाधीश ने कहा कि केवल कागज कलम पर आप जांच कर रहे हैं। जो आरोपित शिक्षक हैं उसकी सैलरी अभी तक मिल रही है। शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार से संबंधित सभी मामलों की जांच सीबीआई कर रही है लेकिन यहां अलग मामला था और केवल एक शिक्षक से जुड़ा हुआ था इसलिए मैंने सीआईडी पर जांच के लिए भरोसा किया। लेकिन आप लोगों ने ठान लिया है कि मुझे गलत साबित करेंगे। जांच की गति चिंताजनक है।
न्यायाधीश ने कहा कि यह नियुक्ति की छोटी साजिश नहीं है बल्कि इसके पीछे एक बड़ा गिरोह काम कर रहा है। फर्जी दस्तावेज बनाना, दूसरे की जगह दूसरे व्यक्ति को नियुक्ति देना और लगातार उसका वेतन मिलते रहने के पीछे छोटी मोटी साजिश नहीं है। इसके बाद मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का संकेत देते हुए न्यायाधीश ने कहा कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो मैं किसी और निष्पक्ष एजेंसी को जांच सौंप दूंगा।