कोलकाता : पश्चिम बंगाल में शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार में धन शोधन की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हाल ही में गिरफ्तार किए गए तृणमूल नेता कुंतल घोष के खिलाफ पूरक चार्जशीट पेश की है। बैंकशाल कोर्ट में मौजूद विशेष सीबीआई कोर्ट में पेश किए गए इस चार्जशीट में शिक्षा सचिव मनीष जैन को भी नामजद किया गया है। केंद्रीय एजेंसी के सूत्रों ने इसकी पुष्टि की है। इसमें बताया गया है कि शिक्षा विभाग में पूर्व डब्ल्यूबीसीएस अधिकारी रहे सुकांत आचार्य को भी नामजद किया गया है। सुकांत आचार्य पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी के सलाहकार रहे हैं। हालांकि मनीष जैन और सुकांत ने फिलहाल इस बारे में किसी भी तरह की जानकारी होने से इनकार किया।
केंद्रीय एजेंसी ने फिलहाल इस मामले में आधे दर्जन से अधिक तृणमूल नेताओं और कारोबारियों को गिरफ्तार किया है लेकिन अभी तक किसी भी नौकरशाह की गिरफ्तारी नहीं हुई है। कई लोगों से पूछताछ हुई लेकिन सीधे तौर पर किसी के खिलाफ लिखित प्राथमिकी भी दर्ज नहीं हुई थी। यह पहली बार है जब शिक्षा सचिव जैसे बड़े पद पर बैठे नौकरशाह और उच्च अधिकारी को नामजद किया गया है। इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने से पहले हाई कोर्ट ने सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजीत कुमार बाग के नेतृत्व में एक न्यायिक समिति बनाई थी। उस समिति ने भी मनीष जैन से पूछताछ की थी। अब केंद्रीय एजेंसी की चार्जशीट में जब उनका नाम आया है तो राज्य की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। सूत्रों ने बताया है कि 104 पन्नों की सप्लीमेंट्री चार्जशीट ईडी ने पेश की है। इसी में 75 नंबर पन्ने पर इस बात का जिक्र किया गया है कि शिक्षक की पक्के तौर पर नौकरी देने के लिए अलग से इंटरव्यू किया जाता था। इसमें उन्हीं लोगों को बुलाया जाता था जो रुपये देते थे। इस इंटरव्यू की पूरी योजना और देखरेख पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी, मनीष जैन, सुकांत आचार्य, ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी प्रबीर बनर्जी करते थे। तत्कालीन शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी के निर्देश पर ही ऐसा होता था। अब जल्द ही इस मामले में मनीष जैन पर भी गाज गिरने की आशंका जतायी जा रही है।