पूरी दुनिया में अप्रैल फूल (मूर्ख दिवस) पहली अप्रैल को मनाया जाता है। इस दिन समझदार और प्रतिभाशाली व्यक्ति भी मूर्ख बनने, बनाने या कहलाने में खुशी
महसूस करते हैं। भारतीय सिनेमा भी इससे अछूता नहीं है। निर्माता-निर्देशक सुबोध मुखर्जी ने 1964 में इस नाम से फिल्म ‘अप्रैल फूल’ ही बना डाली। विश्वजीत और सायरा बानो पर केंद्रित इस फिल्म का यह गीत अप्रैल फूल बनाया, उनको गुस्सा आया…लोग पहली अप्रैल को जरूर गुनगुनाते हैं। मोहम्मद रफी की आवाज में हसरत जयपुरी रचित यह टाइटल गीत कालजयी हो चुका है।
इतिहासकारों के मुताबिक अप्रैल फूल की शुरुआत 1582 में हुई। फ्रांस में जूलियन कैलेंडर की जगह ग्रेगोरियन कैलेंडर अपनाया गया था। जूलियन कैलेंडर में हिंदू नववर्ष की तरह मार्च के अंत या अप्रैल की शुरुआत में साल शुरू होता था। यानी 1 अप्रैल के आसपास। ग्रेगोरियन कैलेंडर यानी जनवरी से दिसंबर। जिन लोगों को कैलेंडर बदलने की जानकारी देरी से पहुंची, वे मार्च के आखिरी हफ्ते से 1 अप्रैल तक नववर्ष मनाते रहे और इस वजह से उन पर खूब चुटकुले बने। उनका मजाक उड़ाया गया। उन्हें अप्रैल फूल कहा गया।
इतिहासकार अप्रैल फूल को हिलेरिया (आनंद के लिए लैटिन शब्द) से भी जोड़ते हैं। इसे सिबेल समुदाय के लोग मार्च के अंत में प्राचीन रोम में मनाते थे। इसे इजिप्ट की प्राचीन कहानियों से भी जोड़ा जाता है। कुछ लोग यह भी कहते हैं कि अप्रैल फूल का संबंध वर्नल इक्विनॉक्स या वसंत के आगमन से हैं। प्रकृति बदलते मौसम से लोगों को बेवकूफ बनाती है।
ब्रिटेन में अप्रैल फूल 18वीं सदी में पहुंचा। स्कॉटलैंड में यह दो दिन की परंपरा बना। ‘हंटिंग द गौक’ (मूर्ख व्यक्ति का शिकार) से शुरुआत होती थी, जिसमें लोगों को मूर्ख का प्रतीक समझे जाने वाले पक्षी का चित्र भेजना शामिल था। दूसरे दिन टेली डे होता था, जब लोग लोगों के पीछे पूंछ या ‘किक मी’ जैसे संकेत चिपकाकर उनका मजाक उड़ाते थे। वक्त बदलने के साथ यह परंपरा बन गया।1957 में बीबीसी ने इसी दिन रिपोर्ट दी कि स्विस किसानों ने नूडल्स की फसल उगाई है। इस पर हजारों लोगों ने बीबीसी को फोन लगाकर किसानों और फसल के बारे में पूछताछ की। 1996 में फास्ट फूड रेस्टोरेंट चेन टैको बेल ने यह कहकर लोगों को बेवकूफ बनाया कि उसने फिलाडेल्फिया की लिबर्टी बेल खरीद ली है और उसका नाम टैको लिबर्टी बेल रख दिया है। गूगल भी पीछे नहीं रहा। टेलीपैथिक सर्च से लेकर गूगल मैप्स पर पैकमैन खेलने तक की घोषणाएं कर यूजर्स को बेवकूफ बनाया चुका है।
मगर यह अप्रैल फूल नहीं है। 1 अप्रैल, 1976 को स्टीव जॉब्स, स्टीव वोजनियाक और रोनाल्ड वेन ने एप्पल कंपनी की स्थापना की। इसके बाद से यह कंपनी एक मल्टीनेशनल कंपनी बनकर उभरी। इसके सबसे लोकप्रिय प्रोडक्ट्स में आईफोन, आईपैड, मैकबुक शामिल हैं। और यह भी सच है कि 2001 में 1 अप्रैल को ही नीदरलैंड समलैंगिक विवाहों को अनुमति देने वाला पहला देश बना ।
प्रमुख घटनाएं
1582: फ्रांस में फूल्स डे की शुरूआत।
1582: पोप चार्ल्स चतुर्थ ने पुराने कैलेंडर की जगह नया रोमन कैलेंडर शुरू किया।
1793: जापान में ‘उनसेन’ नाम का ज्वालामुखी फटने से 53,000 लोगों की मौत।
1839: कोलकाता मेडिकल कॉलेज और अस्पताल शुरू।
1878: कोलकाता में संग्रहालय की नई इमारत को जनता के लिए खोला गया।
1891: फ्रांस की राजधानी पेरिस और ब्रिटेन की राजधानी लंदन के बीच दूरभाष संपर्क शुरू हुआ।
1912: दिल्ली को भारत की राजधानी और प्रांत घोषित किया गया।
1924ः एडोल्फ हिटलर को बीयर हॉल क्रांति में हिस्सा लेने के लिए 5 साल कैद की सजा सुनाई गई।
1930 भारत में विवाह के लिए लड़कियों की न्यूनतम उम्र 14 और लड़कों की 18 वर्ष की गई।
1936: ओडिशा को बिहार से अलग कर नया राज्य बनाया गया।
1969: भारत का पहला परमाणु ऊर्जा स्टेशन महाराष्ट्र के तारापुर में शुरू हुआ।
1973: भारत के कार्बेट नेशनल पार्क में टाइगर बचाओ अभियान का आगाज।
1976: दूरदर्शन को रेडियो से अलग कर के दूरदर्शन कॉरपोरेशन की स्थापना।
1976: एप्पल कंपनी की स्थापना।
1979: ईरान मुस्लिम गणराज्य घोषित।
1992: भारत में आठवीं पंचवर्षीय योजना शुरू।
1997: मार्टिना हिंगिस टेनिस इतिहास में सबसे कम उम्र की नंबर एक महिला खिलाड़ी बनीं।
2001: नीदरलैंड ने समलैंगिक विवाह को मान्यता दी।
1 अप्रैल को जन्मे प्रमुख व्यक्ति
1621: सिखों के नौवें गुरु तेग बहादुर का जन्म।
1891: प्रसिद्ध वैज्ञानिक प्राण कृष्ण पारिजा का जन्म।
1937: भारत के 13वें उप राष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी का जन्म।
1941: भारतीय क्रिकेटर अजीत वाडेकर का जन्म।
1984: भारतीय क्रिकेटर मुरली विजय का जन्म।
1 अप्रैल को इनका हुआ निधन
1977: भारत और पाकिस्तान के बीच रैडक्लिफ नाम की विभाजन रेखा तैयार करने वाले सर सिरिल रैडक्लिफ का निधन।
2010: पर्सनल कम्प्यूटर (पीसी) के युग की शुरुआत करने वाले हेनरी एडवर्ड रॉबर्ट्स का निधन।
2015: हिन्दी के प्रसिद्ध साहित्यकार कैलाश वाजपेयी का निधन।