कैलेंडर की कुछ तिथियां इतिहास बन जाती हैं। भारत के लिए साल 1984 की 2 अप्रैल ऐसी ही तिथि है जब किसी भारतीय ने पहली बार अंतरिक्ष में कदम रखे। भारत के हिस्से में यह ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज कराने का श्रेय विंग कमांडर राकेश शर्मा को जाता है। अस्सी के दशक की शुरुआत में भारत ने तत्कालीन सोवियत रूस के साथ अंतरिक्ष अभियान की योजना बनाई। उसमें तय हुआ कि इसमें एक भारतीय का भी चयन किया जाएगा। लंबी, जटिल और गहन प्रक्रिया से इसके लिए दो उम्मीदवारों राकेश शर्मा और रवीश मल्होत्रा का चयन हुआ। मगर बाजी राकेश शर्मा के हाथ लगी। 20 सितंबर, 1982 को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के माध्यम से इंसरकॉस्मोस अभियान के लिए राकेश शर्मा के नाम पर अंतिम मुहर लगी।
राकेश शर्मा को इस मुकाम पर पहुंचने के लिए कड़ी परीक्षा से गुजरना पड़ा। इसमें एक कसौटी तो ऐसी भी थी कि उन्हें तीन दिन बंद कमरे में अकेले रहना पड़ा। उनकी परीक्षा यहीं खत्म नहीं हुई। चयन के बाद वह अभियान के परीक्षण के लिए रूस के यूरी गागरिन अंतरिक्ष केंद्र में गहन अभ्यास में जुटे थे तभी भारत में उनकी छह वर्षीय बेटी मानसी का निधन हो गया। बेटी की मौत से वह विचलित नहीं हुए। उन्होंने स्वयं को अपने लक्ष्य पर केंद्रित रखा। पूरे देश की आशाएं उनसे जुड़ी थीं। उन्होंने इन उम्मीदों को टूटने नहीं दिया। …और 2 अप्रैल, 1984 को शर्मा ने अपने तीन सोवियत साथियों के साथ अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरी। बैकानूर से उनके सोयुज टी-11 अंतरिक्षयान के उड़ान भरते ही देश के लोगों की धड़कनें बढ़ गईं। आखिरकार चारों अंतरिक्ष में दाखिल हुए। राकेश कुल सात दिन, 21 घंटे और 40 मिनट अंतरिक्ष में बिताए और सफलतापूर्वक पृथ्वी पर लौटे।
अंतरिक्ष में उनकी प्रयोगधर्मिता भी खासी परवान चढ़ी। अंतरिक्ष में उन्होंने 33 प्रयोग किए। इनमें भारहीनता से उत्पन्न होने वाले प्रभाव से निपटने के लिए किया गया प्रयोग भी शामिल है । शर्मा और उनके तीनों साथियों ने स्पेस स्टेशन से मॉस्को और नई दिल्ली के लिए साझा संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। अंतरिक्ष में भी राकेश शर्मा का अंदाज विशुद्ध भारतीय रहा। स्पेस स्टेशन में शर्मा ने रोज कम से कम दस मिनट योग किया। उन्होंने अंतरिक्ष से उत्तर भारत के इलाकों को अपने कैमरे में कैद किया। राकेश शर्मा भारत के प्रथम और विश्व के 138वें अंतरिक्ष यात्री बने। राकेश शर्मा ने इस दौर में नायक बनकर पूरी पीढ़ी को प्रेरित किया।
भारत सरकार ने उन्हें ‘अशोक चक्र’ और सोवियत सरकार ने ‘हीरो ऑफ सोवियत यूनियन’ से अलंकृत किया। समय के साथ वह भारतीय वायुसेना में भी पदानुक्रम की सीढ़ियां चढ़ते गए और विंग कमांडर के पद तक पहुंचे। विंग कमांडर के पद पर सेवानिवृत्त होने पर राकेश शर्मा ने हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड में परीक्षण विमान चालक के रूप में भी काम किया। पंजाब के पटियाला में 13 जनवरी, 1949 को मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे शर्मा बचपन से ही आकाश की ओर टकटकी लगाए रहते थे। आसमान में उड़़ते विमान पर उनकी नजरें तब तक टिकी रहती थीं, जब तक कि वह आंखों से ओझल न हो जाए। अनंत आकाश के प्रति यही आकर्षण उन्हें भारतीय वायुसेना में ले आया। वर्ष 1966 में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) का हिस्सा बने शर्मा का 1970 में भारतीय वायुसेना से जुड़ाव हो गया। इस प्रकार वह 21 साल की उम्र में भारतीय वायुसेना के पायलट बन गए।
वर्ष 1971 में पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध में देश उनकी प्रतिभा और कौशल से परिचित हुआ। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उनकी उपलब्धियों ने तमाम भारतीय युवाओं को अंतरिक्ष के क्षेत्र में दिलचस्पी जगाने का काम किया। कालांतर में कल्पना चावला से लेकर सुनीता विलियम्स जैसे भारतीय मूल के अंतरिक्ष यात्रियों के नाम उभरे, जो अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के अभियानों का हिस्सा बने। भविष्य में भी ऐसे नाम उभरेंगे, लेकिन अंतरिक्ष को लेकर भारतीयों के जेहन में हमेशा जो पहला नाम उभरेगा, वह राकेश शर्मा का ही होगा।
प्रमुख घटनाक्रम
155: इटली के जेनोआ क्षेत्र से यहूदियों को निकाला गया।
1679: मुगल शासक अकबर ने जजिया कर समाप्त किया।
1849: ब्रिटिश पंजाब की स्थापना।
1902: लॉस एंजेलिस में पहला मोशन पिक्चर थियेटर खुला।
1905: मिस्र की राजधानी काहिरा और दक्षिण अफ्रीका के केपटाउन के बीच रेल शुरू।
1921: प्रसिद्ध वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने अपने नए सापेक्षता के सिद्धांत विषय पर न्यूयार्क में व्याख्यान दिया।
1942: कांग्रेस ने क्रिप्स मिशन के प्रस्ताव को खारिज किया।
1945: सोवियत संघ और ब्राजील के बीच राजनयिक संबंध बहाल।
1984: राकेश शर्मा पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री बने।
1997: सुमिता सिन्हा ने अपने ऊपर 3200 किलोग्राम भार के ट्रक को पार करने की अनुमति देकर रिकार्ड बनाया।
1999: मास्को में स्वतंत्र राष्ट्रों के राष्ट्रकुल की शिखर बैठक।
2001: नेपाल में माओवादी विद्रोहियों ने 37 पुलिस अधिकारियों की हत्या की।
2007: सोलोमन द्वीप में शक्तिशाली सुनामी।
2011: भारत ने दूसरी बार वर्ल्ड कप जीता। पहला वर्ल्ड कप 1983 में जीता था।
2013: पाकिस्तान के बिजली संयंत्र पर हमला। सात लोग मारे गए।
2013: बर्मा के यांगून में एक मस्जिद में लगी आग में 13 बच्चों की मौत।
2017: अमेरिकी गायक और गीतकार बॉब डिलन ने साहित्य के लिए प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार स्वीकार किया।
2017: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर में देश की सबसे लंबी चेनानी-नाशरी सड़क सुरंग राष्ट्र को समर्पित की।