इतिहास के पन्नों में 21 अप्रैलः नहीं रहीं ह्यूमन कंप्यूटर

गणित के जादुई कैलकुलेशन से ताउम्र दुनिया भर को हैरान करने वाली अद्भुत मेधा की शख्सियत शकुंतला देवी का 21 अप्रैल 2013 को निधन हो गया। कंप्यूटर से भी तेज कैलकुलेशन में माहिर शकुंतला देवी ने देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में अपनी अविश्वसनीय प्रतिभा का लोहा मनवाया।

4 नवंबर 1929 को बंगलुरू में जन्मीं शकुंतला देवी महज तीन साल की उम्र में संख्याओं को याद रखने की स्किल में माहिर हो गई थीं। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि केवल छह साल की उम्र में शकुंतला देवी ने मैसूर विश्वविद्यालय में इससे जुड़ा अपना पहला शो किया। जिसके बाद उन्होंने कई पब्लिक शो में गणित की गुत्थियों को चुटकियों में हल कर सभी को हतप्रभ कर दिया।

शकुंतला देवी न केवल गणित बल्कि ज्योतिष, लेखन, बांसुरी वादन सहित कई दूसरी कला प्रतिभा की धनी थीं। उनकी प्रतिभा को देखते हुए 1982 में उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया। उन पर एक फिल्म का निर्माण भी किया गया।

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