ईडी की पूछताछ में अर्पिता ने बताया : बरामद रुपये मेरे नहीं, पार्थ के हैं

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार मंत्री पार्थ चटर्जी की मुश्किलें और अधिक बढ़ने वाली हैं। इसकी वजह है कि इस मामले में गिरफ्तार उनकी महिला सहयोगी अर्पिता मुखर्जी ने दावा किया है कि उनके आवास से बरामद हुए करीब 50 करोड़ नगदी और सोने-चांदी के सामान उसके (अर्पिता) नहीं हैं बल्कि पार्थ चटर्जी के ही हैं।

ईडी के एक सूत्र ने बताया है कि बुधवार और गुरुवार की दरमियानी रात अर्पिता के बेलघरिया स्थित फ्लैट से जो 28 करोड़ नगद मिले हैं उस बारे में नए सिरे से अर्पिता से पूछताछ हुई है। उसने बताया है कि बेलघरिया में मिले 28 करोड़ अथवा इससे पहले गत शुक्रवार की रात टॉलीगंज के डायमंड सिटी फ्लैट से मिले 22 करोड़ रुपये से उसका कोई लेना-देना नहीं है। उसने कहा है कि ये सारे रुपये पार्थ चटर्जी के हैं। इतना ही नहीं, उसने चौंकाने वाला दावा करते हुए बताया है कि उसके फ्लैट में चटर्जी सप्ताह में तीन-चार दिन आते थे। उनके साथ एक और व्यक्ति होता था। जिस कमरे में रुपये रखा गया था वहां जब पार्थ और वह व्यक्ति होते थे तो उसे (अर्पिता) जाने की अनुमति नहीं होती थी।

उसने यह भी बताया है कि जो तीसरा शख्स पार्थ चटर्जी के साथ उनके घर जाता था, उसे लेकर पार्थ बेडरूम में भी जाते थे और घंटों तक उसके साथ बैठक करते थे। वहां अर्पिता को बैठक में शामिल नहीं किया जाता था। उसके बाद कई सारे दस्तावेज अर्पिता को देकर पार्थ वापस चले जाते थे। गुरुवार की सुबह से ही पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी को अलग-अलग बैठाकर पूछताछ हो रही है। अब सूत्रों ने बताया है कि ईडी उस तीसरे शख्स के बारे में पता लगाने में जुट गया है।

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