कोलकाता : कूचबिहार जिले के तूफानगंज के स्थानीय कोर्ट ने भाजपा सांसद और केन्द्रीय अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री जॉन बार्ला के खिलाफ आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के एक मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।
दरअसल, 4 अप्रैल, 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान तूफानगंज में प्रखंड विकास कार्यालय परिसर में बार्ला के नेतृत्व में एक मोटरसाइकिल रैली निकाली गई थी। इसे आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए जॉन बार्ला सहित चार लोगों के खिलाफ बॉक्सिरहाट पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट दर्ज हुई थी। तूफानगंज उपमंडल कोर्ट ने इस मामले में बार्ला को समन जारी कर 15 नवंबर को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए थे, लेकिन बार्ला न तो कोर्ट में हाजिर हुए और न ही उनका कोई वकील पेश हुआ। इस पर कोर्ट ने अवमानना के आरोप में बार्ला के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।
कोर्ट के आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए केन्द्रीय राज्यमंत्री बार्ला ने कहा कि वह बदले की राजनीति के शिकार हुए हैं। देश की कानूनी व्यवस्था के प्रति मेरे मन में बहुत सम्मान है। पहले भी, मैंने 45 दिन सलाखों के पीछे बिताए थे। मेरे खिलाफ यह गिरफ्तारी वारंट राजनीतिक प्रतिशोध से जारी किया गया है।
इस संबंध में तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि चूंकि कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया है, इसलिए मामले में राजनीतिक प्रतिशोध का कोई सवाल ही नहीं है। उन्होंने कहा, ”कानून अपना काम करेगा।
उल्लेखनीय है कि बार्ला पश्चिम बंगाल से भाजपा के दूसरे लोकसभा सदस्य हैं, जिनके खिलाफ निचली कोर्ट ने महज 72 घंटे के अंतराल में गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। इससे पहले 14 नवंबर को अलीपुरद्वार की न्यायिक कोर्ट ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री निसिथ प्रमाणिक के खिलाफ वर्ष 2009 में अलीपुरद्वार में दो आभूषण की दुकानों में चोरी के एक मामले में उनकी कथित संलिप्तता के संबंध में गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।