मुझे जान से मारने की कोशिश की गई : निशीथ प्रमाणिक

कूचबिहार : काफिले पर हमले के एक दिन बाद केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और भाजपा सांसद निशीथ प्रमाणिक ने रविवार को एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान दावा किया कि पुलिस के संरक्षण में उन्हें जान से मारने की कोशिश की गई। उन्होंने कहा कि मुझे जान से मारने की कोशिश की गई और पुलिस तमाशा देखती रही। उन्होंने आगे कहा कि सीसीटीवी फुटेज देखकर ही स्थिति समझी जा सकती है। रात में एक भाजपा कार्यकर्ता के घर पर हमला हुआ। बंगाल में पुलिस प्रशासन की भूमिका बेहद निंदनीय है। भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को पीटा जाता है लेकिन पुलिस कुछ नहीं करती है। अपराध को अंजाम देने वाले लोगों को यह मालूम होना चाहिए कि कानून से कोई नहीं बच सकता।

भादपा सांसद ने आगे कहा कि यह अकल्पनीय है कि तृणमूल और पुलिस मिलकर अत्याचार कर रहे हैं। इस राज्य में विपक्षी दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं के लिए अजीब सी स्थिति पैदा कर दी गई है। पुलिस भाजपा को घर में नजरबंद रखने की कोशिश कर रही है। तृणमूल हर जगह हार रही है। तृणमूल को अपनी ही पार्टी के नेताओं पर भरोसा नहीं है। वे जहां भी जाते हैं उन्हें विरोध का ही सामना करना पड़ता है। पुलिस ने चुनिंदा भाजपा कार्यकर्ताओं के घरों की घेराबंदी की है। इस अराजकता के लिए अपरिपक्व नेता जिम्मेदार हैं। हम सबके साथ हैं, बंगाल में लोकतंत्र की वापसी होनी चाहिए।

उन्होंने शिष्टाचार की राजनीति का आह्वान करते हुए कहा कि राजनीति करनी चाहिये लेकिन निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को क्यों रोका जाता है? तृणमूल राजनीतिक जमीन खो रही है इसलिए मुझे मारने की कोशिश की गई। जो पुलिस अधिकारी तृणमूल नेताओं के इशारे पर काम कर रहे हैं, उन्हें देखना चाहिए कि बदले में उन्हें क्या मिल रहा है? राज्य कौन चला रहा है, पीसी या कोई और।

निशीथ ने गोली के निशान दिखाकर गोली चलाये जाने का दावा किया। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन बिल्कुल भी ठीक से काम नहीं कर रहा है। पुलिस ने मेरी कार पर आंसू गैस के गोले छोड़े। यह हिंसा इसलिए शुरू हुई क्योंकि अभिषेक बनर्जी ने कहा, मेरे घर की घेराबंदी कर दी गई। उदयन गुहा ने काला झंडा दिखाने की बात कही। कल उदयन गुहा ने भाजपा कार्यकर्ताओं को चेतावनी दी थी कि भाजपा को रोकने के लिए उन्हें घर से बाहर न निकलें दें। लोगों को यह पता होना चाहिए कि गृह मंत्रालय के मंत्री पर हमला मतलब गृह विभाग पर हमला है। पहले पुलिस ने बीच सड़क पर बैरिकेड लगाकर हमें रोक दिया। फिर तृणमूल के कार्यकर्ताओं ने हम पर पत्थर, बम बरसाये। हमें बंदूक और काला झंडा दिखाने की कोशिश कर रहे थे। कल माध्यमिक की परीक्षा चल रही थी। पुलिस चाहती तो उन्हें सड़क के एक किनारे रोक सकती थी, लेकिन उसने ऐसा कुछ नहीं किया। आप में से बहुत से लोग कल की भयावह घटनाओं से वाकिफ हैं। बंगाल में आज जो घोर अराजकता की स्थिति चल रही है, उसे पूरे बंगाल की जनता और देश ने देखा है। हम इस घटना का पुरजोर विरोध करते हैं।

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