दुनिया के इतिहास में 23 अगस्त की तारीख महत्वपूर्ण घटना के तौर पर दर्ज है। दरअसल 56 साल पहले 23 अगस्त को ही धरती की पहली फोटो चांद की ऑर्बिट से ली गई थी। पूरा किस्सा यूं है। 1960 के दशक के शुरुआती सालों में अमेरिका ने अपोलो मिशन लॉन्च किया। इस मिशन का उद्देश्य चांद पर मानव को पहुंचाना था, लेकिन उस समय वैज्ञानिकों के पास चांद की सतह की डिटेल्ड फोटो नहीं थी। अपोलो मिशन के लिए चांद की सतह की फोटो जरूरी थी जिनको एनालाइज कर यह पता लगाया जा सके कि कहां स्पेसक्राफ्ट की लैंडिंग कराई जा सकती है।
नासा ने 10 अगस्त, 1966 को ऑर्बिटर-1 लॉन्च किया। इस स्पेसक्राफ्ट में एक मेन इंजन, 4 सोलर प्लेट और 68 किलोग्राम के कोडेक इमेजिंग सिस्टम को फिट किया गया। इसका काम अलग-अलग एंगल से चांद की सतह की फोटो लेना था। चांद की ऑर्बिट में पहुंचने वाला ये दुनिया का पहला स्पेसक्राफ्ट भी है। स्पेसक्राफ्ट का लॉन्च सफल रहा और 14 अगस्त को स्पेसक्राफ्ट चांद की ऑर्बिट में पहुंच गया। 23 अगस्त, 1966 को इस स्पेसक्राफ्ट ने धरती की भी एक फोटो भेजी। ये चांद की ऑर्बिट से ली गई धरती की पहली फोटो है। 28 अगस्त तक स्पेसक्राफ्ट ने चांद की सतह की कुल 205 फोटो भेजी। 29 अक्टूबर को चांद की सतह से टकराकर ऑर्बिटर-1 नष्ट हो गया।