बांग्लादेश संकट : भाजपा सांसद ने नोबेल समिति से शांति पुरस्कार के मानदंडों पर पुनर्विचार की मांग की

कोलकाता : बांग्लादेश में जारी संकट और अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार को लेकर पश्चिम बंगाल के पुरुलिया से भाजपा सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो ने नोबेल शांति पुरस्कार समिति को पत्र लिखा है। शुक्रवार को लिखे इस पत्र में महतो ने नोबेल शांति पुरस्कार के लिए भविष्य के मानदंडों पर पुनर्विचार करने और वर्तमान स्थिति की निंदा करने की अपील की है।

महतो ने पत्र में बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रही हिंसा की निंदा करते हुए नोबेल समिति से आग्रह किया कि वह यह सुनिश्चित करे कि जिन लोगों को यह सम्मान दिया जाए, वे अपने जीवनभर उच्च नैतिक मानदंड बनाए रखें।

सांसद ने कहा कि अगर नोबेल समिति इन अत्याचारों को स्वीकार या निंदा नहीं करती है, तो इससे उसकी वैश्विक नैतिक साख कमजोर होगी। उन्होंने कहा कि नोबेल शांति पुरस्कार उन व्यक्तियों के लिए कवच नहीं बनना चाहिए, जिनके कार्य हिंसा और भेदभाव को बढ़ावा देते हैं।

महतो ने अपने पत्र में यह भी कहा कि यह पहली बार नहीं है जब नोबेल शांति पुरस्कार पाने वाले व्यक्ति के कार्यों ने विवाद खड़ा किया है। उन्होंने 1973 में नोबेल विजेता हेनरी किसिंजर का जिक्र करते हुए कहा कि बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान किसिंजर ने पाकिस्तानी सेना के नरसंहार और अत्याचारों का समर्थन किया था। इस दौरान लाखों लोग मारे गए और हजारों महिलाओं पर जुल्म हुए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *