कोलकाता : कोलकाता की एक विशेष अदालत ने बैंक धोखाधड़ी मामले में फरार आर्थिक अपराधी घोषित किए गए पुष्पेश कुमार बैद और उनके सहयोगियों की 24 करोड़ रूपए की संपत्ति जब्त करने का आदेश दिया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
ईडी के अनुसार, पुष्पेश कुमार बैद को इसी अदालत ने तीन जनवरी को आर्थिक अपराधी अधिनियम (फ्यूजिटिव इकोनॉमिक ऑफेंडर्स एक्ट) के तहत फरार घोषित किया था। उनके खिलाफ मामला भारतीय रिज़र्व बैंक (सीबीआई) की कई एफआईआर और आरोप पत्रों से जुड़ा हुआ है।
पुष्पेश बैद और उनके सहयोगियों की संपत्तियां, जो कोलकाता (पश्चिम बंगाल) और तिरुपुर (तमिलनाडु) में स्थित हैं, अब जब्त की जाएंगी। इन संपत्तियों में चल-अचल दोनों प्रकार की संपत्तियां शामिल हैं।
कैसे हुआ घोटाला?
ईडी का आरोप है कि पुष्पेश बैद ने अपनी कंपनियों के माध्यम से बैंकों से धोखाधड़ी करके 183 करोड़ रूपए के ऋण लिए। यह धोखाधड़ी फर्जी वित्तीय दस्तावेजों और जाली संपत्ति दस्तावेजों का उपयोग करके की गई। जिन बैंकों को नुकसान पहुंचाया गया उनमें भारतीय स्टेट बैंक, देना बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक और इलाहाबाद बैंक शामिल हैं।
ईडी ने यह भी बताया कि बैद और उनके सहयोगियों ने ऋण की राशि को कर्मचारियों और सहयोगियों के नाम पर खोले गए फर्जी बैंक खातों के माध्यम से डायवर्ट किया।
फरवरी 2022 में ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत पुष्पेश बैद और अन्य आरोपितों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। अदालत द्वारा उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट भी जारी किया गया था, लेकिन वह कानून का सामना करने से बचते हुए अमेरिका भाग गए।