कोलकाता : देश में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण की नीति से बैंक कर्मचारियों में भारी नाराजगी है औेर इसको लेकर विरोध का दौर शुरू होने वाला है। देशभर के 10 लाख बैंक कर्मी अगले दो दिन यानी 16 व 17 दिसंबर को हड़ताल पर रहेंगे, जिससे बैंक शाखाओं में तालाबंदी रहेगी। इस हड़ताल से करोड़ों रुपये का लेन-देन प्रभावित होगा तथा उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
युनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (वेस्ट बंगाल स्टेट यूनिट) का कहना है कि सरकार संसद के वर्तमान सत्र में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का निजीकरण करने के लिए लिए बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक 2021 ला रही है। इस विधेयक के पारित होने से सरकार की 51 फीसदी हिस्सेदारी कम हो जाएगी और इससे बैंकिग व्यवस्था निजी हाथों में चली जाएगी।
निजीकरण से बैंकों को भारी नुकसान होगा। यह नुकसान अकेले बैंकों तक ही सीमित नहीं रहेगा बल्कि आम जनता पर भी इसका असर पड़ेगा। निजी क्षेत्र के बैंक पब्लिक को सरकारी योजनाओं के लिए ऋण नहीं देते, अगर हमारे बैंक भी निजी हो गए तो आम आदमी को यह ऋण नहीं मिल पाएंगे। इससे देश की आर्थिक विकास की गति कमजोर होगी।