बंगाल भाजपा की नई जिला कमेटी गठित, 30 नए लोगों को जिम्मेदारी

कोलकाता : कोलकाता नगर निगम (केएमसी) चुनाव में करारी शिकस्त के बाद बंगाल भाजपा ने हाल में नई राज्य कमेटी के पुनर्गठन के बाद अब शनिवार को नई जिला कमेटियों की भी घोषणा कर दी। इसमें राज्य के 39 से बढ़कर 42 सांगठनिक जिलों के जिलाध्यक्षों की नियुक्ति की गई है। 30 नए लोगों को संगठन में जिलाध्यक्ष पद पर लाया गया है। कुछ माह पहले नए प्रदेश अध्यक्ष बने डा. सुकांत मजूमदार ने नवनियुक्त जिलाध्यक्षों की सूची जारी की है।

जिला अध्यक्षों की सूची

सूची के अनुसार, राज्य कमेटी की तरह जिला स्तर पर भी भाजपा के सांगठनिक प्रारूप में व्यापक फेरबदल किया गया है। जिलाध्यक्षों के साथ ही नए जिला प्रभारी भी नियुक्त किए गए हैं।

जिला प्रभारियों की सूची

 

वहीं, विभिन्न जिलों को लेकर विभाग का भी गठन किया गया है। उनके प्रभारी नियुक्त किए गए हैं।

विभाग प्रभारियों की सूची

वहीं, नए विभाग संयोजक भी नियुक्त किए गए हैं।

विभाग संयोजकों की सूची

आसनसोल से विधायक अग्निमित्रा पाल को कोलकाता व दक्षिण 24 परगना जोन का संयोजक बनाया गया है। निर्मल कर्मकार को सांसद लॉकेट चटर्जी के साथ पुरुलिया और बर्दवान जिले का संयोजक बनाया गया है। वहीं, विधायक डा. अजय पोद्दार को पुरुलिया जिले का प्रभारी बनाया गया है। इसी तरह कई और नेताओं को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है। नई सूची के अनुसार, जिलों में भी युवा चेहरों को तरजीह दी गई है। इससे पहले गुरुवार को नई राज्य कमेटी की घोषणा की गई थी। इसमें कई पुराने चेहरे को नई कमेटी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था, जबकि कई युवा व नए चेहरों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है।

इधर, दिलीप घोष की जगह नए प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए डा. सुकांत मजूमदार ने बुधवार को नई राज्य कमेटी की घोषणा की थी। इसमें कई पुराने चेहरों को बाहर का रास्ता दिखा कर नए व युवा लोगों को तरजीह दी गई है। युवा व महिला मोर्चा समेत अन्य मोर्चा व कमेटियों के प्रमुखों में भी बदलाव किया गया है। इसके बाद से पार्टी के भीतर कुछ नेताओं में रोष देखा जा रहा है। हालांकि, विश्वप्रिय राय चौधरी या किसी अन्य नेताओं ने सार्वजनिक तौर पर अभी तक अपना मुंह नहीं खोला है। इससे पहले बुधवार को नई राज्य कमेटी की घोषणा के कुछ घंटों बाद ही वरिष्ठ नेता सायंतन बसु के घर पर उत्तर 24 परगना जिले के दो तृणमूल कांग्रेस के विधायकों ने जाकर उनसे मुलाकात की थी। इसके बाद उनको लेकर कयासों का दौर शुरू हो गया। हालांकि इस मुलाकात पर सायंतन ने गुरुवार को कहा था कि इसका राजनीतिक मतलब नहीं निकाला जाए, वह हमेशा भाजपा के ही साथ रहेंगे।

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