हॉकर्स के लिए नई नीति बनाएगी बंगाल सरकार, नए रोजगार क्षेत्रों की भी करेगी पहचान

कोलकाता : सार्वजनिक स्थानों पर अवैध रूप से अतिक्रमण करने वाले हॉकरों को हटाने की प्रक्रिया को एक महीने के लिए स्थगित करने की घोषणा पहले ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कर दी थी। शुक्रवार को सचिवालय के सूत्रों ने बताया है कि हॉकर्स के लिए बंगाल सरकार अब नई हॉकर नीति पर काम कर रही है।

हॉकरों के लिए नई नीति गुरुवार दोपहर राज्य सचिवालय में शीर्ष नौकरशाहों और पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार तैयार की जाएगी।

नई नीति का पहला भाग हॉकिंग जोन और नॉन-हॉकिंग जोन की पहचान करना और उन्हें अलग करना होगा। इसके लिए दोनों जोन की विस्तृत सूची के साथ एक पोर्टल खोला जाएगा।

नई नीति के अनुसार, राज्य सरकार मंगलवार और बुधवार को दो दिवसीय अभियान के दौरान बेदखल किए गए हॉकरों का पुनर्वास भी करेगी। हालांकि, सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि पुनर्वास पैकेज जरूरत के मुताबिक होगा।

बैठक में मौजूद राज्य सरकार के एक अधिकारी ने बताया, “प्रशासन मंगलवार और बुधवार को दो दिवसीय अभियान के दौरान हटाए गए हॉकर्स की सूची तैयार करेगा। इसके बाद उनमें से वास्तव में जरूरतमंद लोगों की पहचान करेगा, ताकि राज्य प्रशासन उनके लिए वैकल्पिक व्यवस्था कर सके।” उनके अनुसार वैकल्पिक व्यवस्था के तहत उन्हें अपने कारोबार के लिए वैकल्पिक स्थान और जरूरत पड़ने पर उनके सामान के भंडारण के लिए गोदाम की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सूचना प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रॉनिक विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव कुमार को नई नीति तैयार करने का काम सौंपा है। कुमार इस संबंध में मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, राज्य नगर निगम मामलों और शहरी विकास मंत्री और उक्त विभाग के सचिव को रिपोर्ट सौंपेंगे।

पुलिस के अभियान को विपक्षी भाजपा ने प्रतिशोध की राजनीति बताया था और आरोप लगाया था कि यह अभियान केवल उन इलाकों में चलाया गया, जहां हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों में सत्तारूढ़ पार्टी के वोट बैंक में भारी गिरावट आई है।

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