कोलकाता : पश्चिम बंगाल में राशन वितरण घोटाले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने अब तक पांच शेल कंपनियों का पता लगाया है। ये कंपनियां इस घोटाले में धन की हेराफेरी के लिए उपयोग की गई थीं। सूत्रों ने बताया कि इन पांच कंपनियों के बीच कई सामान्य बातें हैं।
पहली सामान्य बात यह है कि ये सभी कंपनियां कोलकाता के स्ट्रैंड रोड स्थित एक ही भवन परिसर के पते पर पंजीकृत हैं। दूसरी सामान्य बात, यह है कि इन सभी कंपनियों का सीधा संबंध पूर्व राज्य खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक या उनके निकट संबंधियों से है।
मल्लिक को इस राशन वितरण मामले में न्यायिक हिरासत में रहते हुए लगभग दस महीने हो चुके हैं। तीसरी सामान्य बात, यह है कि 2016 से 2021 के बीच इन कंपनियों के बैंक खातों में एक ही स्रोत से कई उच्च-मूल्य की राशि जमा की गई हैं। इनमें से एक हाल ही में गिरफ्तार किए गए तृणमूल कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष अनिसुर रहमान उर्फ बिदेश हैं, जो उत्तर 24 परगना जिले के देगंगा से हैं।
ईडी अधिकारियों ने एक अगस्त को अनिसुर रहमान और उनके भाई अलिफ नूर उर्फ मुकुल को गिरफ्तार किया था, जो वर्तमान में केंद्रीय एजेंसी की हिरासत में हैं। दोनों व्यापारी बकीबुर रहमान के चचेरे भाई हैं, जिन्हें राशन वितरण मामले में ईडी ने सबसे पहले गिरफ्तार किया था।
यह माना जाता है कि इन दोनों भाइयों का पूर्व मंत्री मल्लिक से संबंध बकीबुर रहमान के माध्यम से स्थापित हुआ था। ईडी ने बकीबुर रहमान की बीपीजी राइस मिल्स और बिदेश और मुकुल के संयुक्त स्वामित्व वाली हाई टेक राइस मिल्स के बैंक खातों के बीच अक्टूबर 2022 तक किए गए लेन-देन का भी पता लगाया है।
सूत्रों ने कहा कि कई राइस मिलों और शेल कंपनियों का इस तरह से उपयोग किया गया है कि राशन वितरण मामले में अवैध रूप से प्राप्त धन को हेराफेरी में बदलना समय-साध्य हो गया है और इन कई शाखाओं के बीच संबंध स्थापित करना कठिन हो गया है।