कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अध्यक्षता में राज्य सचिवालय में बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण फैसला लिया गया है। इस बात पर सहमति बनी है कि अगर किसी औद्योगिक समूह को उद्योग स्थापित करने के लिए राज्य सरकार ने जमीन दी है और अगर उस जमीन को लंबे समय तक खाली रखा जाएगा तो राज्य सरकार उसे वापस ले लेगी।
माना जा रहा है कि सरकार के इस फैसले के बाद राज्य सरकार से जमीन हासिल करने वाली कंपनियां वहां जल्द से जल्द उद्योग की स्थापना करेंगी। मंत्रिमंडल में शामिल सूत्रों ने बताया है कि राज्य में कई औद्योगिक समूहों को बहुत कम कीमत पर जमीन उपलब्ध कराई गई है। इसे लीज नियमों के तहत दिया गया है लेकिन लंबे समय तक अगर उस पर उद्योग की स्थापना नहीं होगी तो नियमों की अवहेलना को आधार बनाकर वह जमीन वापस ली जाएगी। इसके साथ ही इस बात पर भी सहमति बनी है कि जो औद्योगिक समूह पश्चिम बंगाल में रोजगार सृजन और अन्य क्षेत्रों में बेहतर काम करेंगे उन्हें सम्मानित किया जाएगा। इसके अलावा यह भी फैसला लिया गया है कि जो औद्योगिक समूह बेहतर काम करेंगे उनकी लीज को बिना शर्त दलील में तब्दील कर दिया जाएगा।
कुछ दिनों पहले ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने वर्चुअल माध्यम से राज्य के उद्योगपतियों के साथ बैठक की थी जिसमें इस बात का संकेत दिया था। मंत्रिमंडल की बैठक में इस बात का निर्णय लिया है कि उद्योग के लिए ली गई 99 वर्ष की लीज होल्ड जमीन को फ्री होल्ड जमीन बना दिया जाएगा। यानी औद्योगिक समूहों को मुफ्त में वह जमीन दी जाएगी। जिन लोगों को 30 साल के लिए जमीन लीज पर दी गई है उन्हें 99 साल तक लीज पर बढ़ा दिया जाएगा। इससे संबंधित कानून में भी संशोधन किया जाएगा।
स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भी बड़े फैसले
इसके अलावा राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाने पर भी सहमति बनी है। फैसला लिया गया है कि फुरफुरा ग्रामीण अस्पताल को 30 बेड से बढ़ाकर 100 बेड वाला किया जाएगा। इसके अलावा शरतचंद्र मेडिकल कॉलेज और अस्पताल उलूबेरिया, झाड़ग्राम मेडिकल कॉलेज सहित कुल छह मेडिकल कॉलेजों में 102 प्रोफेसर, प्रत्येक कॉलेज में 11 सहयोगी प्रोफेसर (कुल 66) और 120 सहकारी प्रोफेसरों की नियुक्ति होगी।