कोलकाता : पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में आगजनी की वजह से हुई नरसंहार की घटना को लेकर स्थानीय लोग खौफजदा होकर गांव से पलायन कर रहे हैं। आरोप है कि आगजनी कर लोगों को मौत के घाट उतारे जाने की इतनी बड़ी घटना के बावजूद पुलिस गांव वालों को पर्याप्त सुरक्षा नहीं दे रही है जिसकी वजह से लोग अभी भी डरे हुए हैं। लोगों को आशंका है कि अभी भी कई इलाके में आगजनी हो सकती है जिसकी वजह से लोग पलायन कर रहे हैं। गांव छोड़ कर जा रही एक महिला ने बताया कि सुरक्षा के मद्देनज़र हम घरों को छोड़कर जा रहे हैं, मरने वालों में मेरा एक देवर भी शामिल था। पुलिस ने किसी भी तरह की सुरक्षा नहीं दी, सुरक्षा होती तो यह घटना नहीं होती।
सोमवार की रात आगजनी की घटना के बाद मंगलवार को दिनभर राजनीतिक गहमागहमी और प्रशासन के बड़े अधिकारियों का आना-जाना लगा रहा लेकिन बुधवार को एक बार फिर पूरा इलाका सूना हो गया है। लोग या तो पलायन कर दूसरे स्थानों पर जा रहे हैं या घर में है तो अंदर ही दुबके हुए हैं। आगजनी में कम से कम 10 लोगों की मौत और दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस के एक नेता की बम मारकर हत्या की घटना के बाद पूरे क्षेत्र में मातम पसरा हुआ है। एक युवक ने बताया कि पुलिस कार्यवाही का झूठा ढोंग करने के लिए किसी को भी गिरफ्तार कर रही है इसलिए वे लोग घर छोड़कर भाग रहे हैं। उसने दावा किया कि घटना में जो लोग असली दोषी हैं उन्हें भगा दिया गया है जबकि निर्दोष लोगों को पकड़कर उन पर केस दर्ज किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि बीरभूम जिले के रामपुरहाट इलाके में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस नेता के एक स्थानीय नेता की हत्या के बाद भड़की हिंसा में गुस्साए लोगों ने कथित तौर पर 10-12 घरों को आग के हवाले कर दिया गया। ऐसा कहा जा रहा है कि कुछ लोगों ने अपने नेता की हत्या का बदला लेने के लिए मकानों में आग लगा दी। दमकल अधिकारियों ने मंगलवार को दावा किया कि इन घरों से 10 लोगों के जले हुए शव मिले हैं, इनमें दो बच्चे भी शामिल हैं।