कोलकाता : पश्चिम बंगाल के बीरभूम नरसंहार मामले में तृणमूल नेता भादू शेख हत्याकांड की जांच भी कलकत्ता हाईकोर्ट ने सीबीआई को सौंप दी है। मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और राजश्री भारद्वाज के पीठ ने शुक्रवार को कोर्ट की सुनवाई शुरू होते ही यह फैसला सुनाया।
मूल रूप से रामपुरहाट ब्लॉक के बगटुई गांव के रहने वाले भादू शेख बड़साल ग्राम पंचायत के उपप्रधान थे। 21 मार्च की रात बम मारकर उनकी हत्या कर दी गई थी। जिसके बाद कथित तौर पर बदला लेने के लिए उनके 70 से 80 समर्थकों ने बगटुई गांव में सड़क के उस पार 10 से 12 घरों में आगजनी की थी, जिसमें नौ लोग जिंदा जल गए थे। हाईकोर्ट के आदेश पर इस नरसंहार की जांच पहले ही सीबीआई कर रहा है लेकिन तृणमूल नेता भादू शेख की हत्या की जांच राज्य सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) कर रही थी।
इसे लेकर अधिवक्ता कौस्तव बागची ने अप्रैल महीने की शुरुआत में मुख्य न्यायाधीश की उक्त खंडपीठ में याचिका लगाकर कहा था कि भादू शेख की हत्या और बीरभूम नरसंहार दोनों एक दूसरे से जुड़े हुए हैं इसलिए दोनों ही मामलों की जांच सीबीआई करेगी तो ज्यादा सुविधा होगी। एक दिन पहले गुरुवार को मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सीबीआई के अधिवक्ताओं से पूछा था कि केंद्रीय एजेंसी घटना की जांच के लिए तैयार है या नहीं। इसमें एक अधिवक्ता ने कहा था कि कोर्ट अगर आदेश देगी तो निश्चित तौर पर जांच की जाएगी तो दूसरे अधिवक्ता ने कहा था कि भादू हत्याकांड से जुड़े सारे साक्ष्य लगभग खत्म हो गए हैं इसलिए यह जांच अब सीबीआई को देने का कोई फायदा होने वाला नहीं है।
हालांकि राज्य सरकार के महाधिवक्ता सौमेंद्र नाथ मुखर्जी ने राज्य पुलिस की एसआईटी द्वारा ही जांच जारी रखने की पैरवी की थी। दोनों पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया था और शुक्रवार जैसे ही कोर्ट की सुनवाई शुरू हुई, फैसला सुना दिया गया।
सीबीआई के सूत्रों ने बताया है कि आज ही केंद्रीय एजेंसी की टीम हत्याकांड से जुड़े मामले में सारे दस्तावेज जिला पुलिस से लेगी और प्राथमिकी भी दर्ज करेगी।