बीरभूम नरसंहार : पीड़ितों को नौकरी और मुआवजे पर हाई कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

कोलकाता : बीरभूम के रामपुरहाट ब्लाक अंतर्गत बगटुई गांव में नौ लोगों को जिंदा जलकर मारने की घटना के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पीड़ित परिवार को नौकरियां और आर्थिक मुआवजा देने की घोषणा पर हाई कोर्ट ने जवाब तलब किया है।

सोमवार को मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव के खंडपीठ में दाखिल एक जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि घटना के तुरंत बाद नियमों का पालन किए बगैर राज्य सरकार ने ऑन स्पॉट नौकरी और आर्थिक मुआवजा देने की घोषणा की थी। याचिका में इस घटना के गवाहों को प्रभावित करने और मामले में संलिप्तों के खिलाफ मुंह नहीं खोलने का दबाव बनाने का आरोप लगाया गया है। राज्य सरकार को इस बारे में स्टैंडर्ड ऑपरेशन प्रोसिजर (एसओपी) के बारे में स्थिति स्पष्ट करने की मांग की गई है। आज मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने दो सप्ताह का समय देते हुए राज्य सरकार से इस मामले में हलफनामा के जरिए जवाब दाखिल करने को कहा है।

उल्लेखनीय है कि गत 21 मार्च की रात तृणमूल नेता भादू शेख की बम मारकर हत्या के बाद गांव में 10 से अधिक घरों में कथित रूप से आग लगा दी गई थी। इस घटना में नौ लोग जिंदा जलकर मर गए गए थे। घटना के दो दिन बाद मौके पर पहुंचीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीड़ित परिवारों को पांच-पांच लाख रुपये की आर्थिक मदद की थी। इसके अलावा घरों की मरम्मत के लिए दो-दो लाख रुपये और घायलों में से प्रत्येक को इलाज के लिए 50-50 हजार रुपये अलग से दी गई थी। साथ ही पीड़ित परिवारों में से 10 लोगों को ग्रुप डी में सरकारी नौकरी भी देने का ऐलान किया था।

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