– मिले हुए थे पुलिस के अधिकारी
कोलकाता : बीरभूम जिला अंतर्गत रामपुरहाट ब्लॉक के बगटुई गांव में तृणमूल नेता भादु शेख की हत्या के बाद हुए नरसंहार की घटना में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पता चला है कि सालभर पहले भादु की हत्या की प्लानिंग बनाई गई थी। आरोप है कि इसमें पुलिस अधिकारी भी मिले हुए हैं।
जांच में शामिल एक अधिकारी ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि सालभर पहले भादु शेख के बड़े भाई बाबर शेख की हत्या हुई थी। उस समय पलाश शेख और सोना शेख नाम के दो अभियुक्तों को भी पकड़ा गया था। मैराथन पूछताछ के बाद पता चला था कि उनका असली टारगेट बाबर नहीं बल्कि भादु थे। घटना का खुलासा होने के बाद स्थानीय एसडीपीओ ने पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर भादु की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा था। सुरक्षा में सशस्त्र पुलिसकर्मियों को तैनात करने की सिफारिश की गई थी।
आरोप है कि बार-बार रिपोर्ट के बावजूद भादू शेख की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं हुई। इसी वजह से सवाल खड़े हो रहे हैं कि सब कुछ जानते हुए पुलिस ने इतनी बड़ी लापरवाही कैसे बरती है। भादु की हत्या सोमवार रात नहीं हुई होती तो जिन लोगों को जलाया गया है, वह भीषण नरसंहार भी नहीं होता।
दरअसल, राज्य का गृह विभाग भी इसे लेकर नाराज है और जिला प्रशासन से इस बाबत रिपोर्ट तलब करने की तैयारी हो रही है। खबर है कि जिला पुलिस अधीक्षक पर भी गाज गिर सकती है। आगजनी के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर रामपुरहाट थाना प्रभारी और एसडीपीओ पर पहले ही गाज गिर चुकी है।