कोलकाता : पश्चिम बंगाल विधानसभा में मंगलवार को चार नव-निर्वाचित विधायकों ने शपथ ली। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की उपस्थिति में मानिकतल्ला की विधायक सुप्ती पांडे, रायगंज के विधायक कृष्ण कल्याणी, राणाघाट दक्षिण के विधायक मुकुटमणि अधिकारी और बगदा की विधायक मधुपर्णा ठाकुर ने शपथ ग्रहण किया। इस दौरान भाजपा का कोई भी विधायक उपस्थित नहीं था।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा में कहा कि शपथ ग्रहण पूरी तरह से संविधान के अनुसार हो रहा है। उन्होंने कहा कि संविधान के पांच धाराओं का पालन करते हुए स्पीकर ने विधायकों को शपथ दिलाई है। यह भारत और बंगाल के इतिहास में एक मिसाल बनकर रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि लोकतंत्र को बचाने के लिए संविधान और परंपराओं का मेल जरूरी है।
भाजपा का बहिष्कार
भाजपा ने शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं होने का निर्णय लिया। उनका कहना है कि शपथ ग्रहण संवैधानिक प्रक्रिया के अनुसार नहीं हो रहा है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा के इस आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि शपथ ग्रहण पूरी तरह से संविधान के अनुरूप हो रहा है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके कारण नए विधायकों का एक महीना बर्बाद हो गया। उन्होंने बताया कि स्पीकर ने राज्यपाल को फिर से पत्र भेजा था और अंततः चार नए विधायकों ने शपथ ली। मुख्यमंत्री ने राज्यपाल द्वारा सायंतिका बनर्जी और रेयात हुसैन के शपथ को असंवैधानिक बताते हुए 500 रुपये का जुर्माना लगाने की बात को भी उठाया।
ममता ने किया शपथ ग्रहण का बचाव
शपथ ग्रहण के बाद, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि कानून का पालन करते हुए चार विधायकों ने शपथ ली है। इसे रोका नहीं जा सकता।
स्पीकर ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया और बताया कि विधानसभा में 50 प्रतिशत महिला और 50 प्रतिशत पुरुष सदस्य हैं।
इस बीच, तृणमूल कांग्रेस के विधायक शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने नीट परीक्षा को लेकर विधानसभा में एक निंदा प्रस्ताव पेश किया।