कोलकाता : तृणमूल नेता शेख शाहजहां और उसके सहयोगियों की जल्द गिरफ्तारी की मांग पर हिंसा की आग में जल रहे उत्तर 24 परगना के संदेशखाली में जा रहे भाजपा प्रतिनिधिमंडल को रोक दिया गया है। रामपुर गांव के पास भाजपा के प्रतिनिधि मंडल को पुलिस ने यह कहते हुए रोक दिया कि इलाके में धारा 144 लगी है इसीलिए किसी को भी अंदर नहीं जाने दिया जाएगा। हिंसा के बाद इलाके में भाजपा कार्यकर्ताओं की खबर लेने की बात कह कर पार्टी के पर्यवेक्षक कृष्णनेंदु मुखर्जी, बसीरहाट जिले के भाजपा अध्यक्ष तापस घोष और भाजपा नेता अर्चना मजूमदार के नेतृत्व में 25 नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल संदेशखाली जा रहा था जिन्हें रास्ते में रोक दिया गया।
इसके बाद भाजपा नेताओं की पुलिस से जमकर बहस हुई। उन्होंने यहां तक कहा कि अगर सभी को नहीं जाने देंगे तो कम से कम चार लोगों को तो जाने दिया जाए लेकिन पुलिस एक को भी जाने देने के लिए तैयार नहीं हुई।
कृष्णेंदु ने कहा कि भयंकर हालात है। अवैध तरीके से हमें रोका जा रहा है। हमलोग थाने में जाकर बात करना चाहते थे लेकिन उसकी भी अनुमति नहीं दी गई। अगर हमारे जाने से कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है तो पिछले चार दिनों से पुलिस क्या कर रही थी? क्यों संदेश खाली चल रहा है? ममता बनर्जी गृह मंत्री के रूप में पूरी तरह से फेल हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इलाके में भाजपा कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित किया जा रहा है।
पुलिस ने शनिवार को बताया कि प्रदर्शन के मद्देनजर यहां निषेधाज्ञा लागू कर इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गईं। प्रदर्शन के दूसरे दिन शुक्रवार को महिलाओं ने हाथों में लाठी और झाड़ू लेकर संदेशखाली के विभिन्न इलाकों में जुलूस निकाला।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा-144 लागू है और उत्तर 24 परगना जिले के कुछ हिस्सों में इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं।’’ पिछले माह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की एक टीम राशन वितरण घोटाले में शाहजहां के आवास पर तलाशी लेने गई थी। इस दौरान भीड़ ने उन पर हमला कर दिया था। इसके बाद से ही शाहजहां फरार है।
प्रदर्शनकारी महिलाओं ने आरोप लगाया कि शाहजहां और उसके गिरोह ने उनका यौन उत्पीड़न किया और जमीन के बड़े हिस्से पर जबरन कब्जा कर लिया। इस बीच, शाहजहां के समर्थक भी सड़कों पर उतर आए, जिससे तनाव और बढ़ गया।