कोलकाता : दीपावली के मौके पर केंद्र सरकार की ओर से पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में कमी के लिए करों में कटौती किए जाने का हवाला देते हुए बंगाल भाजपा ने पश्चिम बंगाल सरकार से भी राज्य सरकार के कर (टैक्स) में कटौती करने की मांग की है। पार्टी के कई नेताओं ने ट्विटर पर इसके लिए अभियान चलाया है और कहा है कि जिस तरह से केंद्र सरकार द्वारा ईंधन की कीमतों में कटौती की वजह से डीजल की कीमत में 10 रुपये और पेट्रोल की कीमत में 5 रुपये की कमी हुई है, ठीक उसी तरह से राज्य सरकार को भी राज्य के कर में कमी करनी चाहिए ताकि डीजल-पेट्रोल और अधिक सस्ता हो सके।
राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और भाजपा के वरिष्ठ विधायक शुभेंदु अधिकारी ने ट्विटर पर लिखा है कि अब पश्चिम बंगाल सरकार को केंद्र सरकार का अनुकरण करते हुए पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों को कम करने के लिए राज्य कर में तत्काल कटौती करनी चाहिए। उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम को देश को दिवाली का उपहार करार दिया है।
UP, Uttarakhand, Bihar & other NDA ruled States have also lowered their taxes.
It seems people of WB are being deprived of the benefits of having Double Engine Govt at the helm of affairs.
Walk the talk @MamataOfficial or people will realize that all this concern was purely fake.— Suvendu Adhikari • শুভেন্দু অধিকারী (@SuvenduWB) November 4, 2021
प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष ने भी ट्विटर पर लिखा है कि राज्य में बड़े पैमाने पर जनसमर्थन होने का दावा करने वाली सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस की सरकार को पेट्रोलियम उत्पादों पर लगने वाले राज्य सरकार के वैट को कम करना चाहिए ताकि कीमतें कम हो सकें।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने भी इसी तरह से ट्वीट करते हुए राज्य सरकार के पेट्रोलियम उत्पादों पर लगने वाले कर में कटौती की मांग की है।
वहीं तृणमूल कांग्रेस ने इस पर पलटवार किया है। पार्टी के महासचिव और प्रवक्ता कुणाल घोष ने ट्विटर पर लिखा है कि केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोलियम उत्पादों की शुल्क में कमी महज एक दिखावा है। उन्होंने कहा है कि जब पूरे देश में महंगाई बढ़ गई है और कीमतें आसमान छू रही है तब केंद्र सरकार ने कीमतों में कमी का दिखावा किया है। अगर वाकई में पेट्रोलियम उत्पादों की कीमत में कमी करनी है तो जिन वजहों से लगातार कीमतें बढ़ रही हैं उन्हें खत्म करनी होगी। उन्होंने ट्विटर पर लिखा है कि केंद्र सरकार पेट्रोलियम उत्पादों पर अधिक कर (टैक्स) लगाती है इसीलिए उत्पाद शुल्क में कमी के उसके फैसले से केंद्र सरकार के कोष पर बहुत अधिक असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपानीत केंद्र की सरकार भाजपा शासित राज्य सरकारों को अधिक धन देती है।
তেল: নিজেরা দাম বাড়িয়ে সামান্য কমানোর নাটক।
কর কেন্দ্র বেশি পায়। ক্ষতি কম।
বিজেপি শাসিত রাজ্যগুলি কেন্দ্রের প্রাপ্য পায়। বাড়তি পায়। কর কমালেও পুষিয়ে দেয়।
বাংলা বকেয়াই পায় না।
লাগাতার রেকর্ড দাম বাড়িয়ে মানুষের চোখে ধুলো দিতে কর কমানোর নাটক।
আগে মূল দাম কমানো হোক।— Kunal Ghosh (@KunalGhoshAgain) November 4, 2021