कोलकाता : उत्तर बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विजया सम्मलेन में शामिल होने वाले करीब 30 हजार से अधिक लोगों के आने-जाने और खाने-पीने का खर्च राज्य सरकार की ओर से उठाए जाने को लेकर भाजपा ने सवाल उठाया है।
भाजपा के वरिष्ठ विधायक और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने इसे लेकर डीएम, एसडीओ और बीडीओ रैंक के अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा है कि इसका परिणाम भुगतना होगा। मंगलवार को उन्होंने उत्तर बंगाल के जिलाधिकारियों की ओर से बीडीओ और एसडीओ को जारी किए गए पत्र की प्रति ट्विटर पर डाली है, जिसमें उन सभी क्लबों के प्रतिनिधियों को मुख्यमंत्री के विजया सम्मलेन में उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। इसी में लिखा गया है कि प्रत्येक क्लब के पांच-पांच सदस्यों को आने-जाने और खाने-पीने की व्यवस्था की जाएगी।
पत्र में बताया गया है कि एसी वोल्वो बस के जरिए सभी को सभास्थल पर ले जाया जाएगा और उन्हें भोजन भी उपलब्ध कराया जाएगा। इसी को लेकर शुभेंदु अधिकारी ने कहा है कि केन्द्र सरकार की ओर से विभिन्न मदों में आने वाले फंड को राज्य सरकार खर्च नहीं कर पा रही और अधिकारी उस फंड का इस्तेमाल इसी तरह से मुख्यमंत्री की राजनीतिक सभाओं की फंडिंग के लिए करते हैं।
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा है कि इसके लिए जांच होगी और अधिकारियों को इसका सामना करने के लिए तैयार रहना होगा। शुभेंदु ने ट्विटर पर लिखा, ‘उत्तर बंगाल के जिलों के संबंधित जिलाधिकारियों ने अपने अधीनस्थों को आदेश जारी किया है। इसमें एडीएम, एसडीओ और बीडीओ को उन क्लब सदस्यों की बुधवार को सिलीगुड़ी में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विजया सम्मेलन में अनिवार्य उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है, जिन्हें दुर्गा पूजा के लिए 60 हजार रुपये की वित्तीय मदद राज्य सरकार की ओर से मिली है। सम्मेलन में कुल छह हजार क्लबों के प्रतिनिधि उपस्थित होंगे। यानी कम से कम 30 हजार लोग ले जाए जाएंगे। इन सभी के लिए एसी वोल्वो बसों को लाने व ले जाने के साथ-साथ बोर्डिंग के दौरान जलपान, नाश्ता और दोपहर के भोजन के पैकेट की व्यवस्था की जा रही है।
आदेश में यह उल्लेख नहीं है कि इतना बड़ा खर्च कौन वहन करेगा ! इसके पहले मुख्यमंत्री की राजनीति से प्रेरित प्रशासनिक बैठक के खर्च का भुगतान मध्याह्न भोजन आदि के लिए प्रदान की गई केंद्र सरकार की निधि से संचित ब्याज के माध्यम से किया गया था। केन्द्र की ओर से जो धनराशि राज्य में विभिन्न योजनाओं के मद में मिलती है उसे बिना खर्च रखा जाता है और उसके ब्याज से इस तरह के राजनीतिक आयोजन हो रहे हैं। इसलिए नेता प्रतिपक्ष के रूप में, यह मेरी जिम्मेदारी है कि मैं बीडीओ, एसडीओ और एडीएम को किसी भी वित्तीय अनुशासनहीनता का हिस्सा न बनने के लिए सावधान करूं। प्रशासन इस तरह के आयोजनों की व्यवस्था करने के लिए स्वतंत्र है, लेकिन केंद्र सरकार के धन का दुरुपयोग नहीं कर सकता। यदि कोई अधिकारी जानबूझकर और स्वेच्छा से ऐसा कर रहा है, तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू होने पर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना होगा।’