कोलकाता : पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी को ईडी नोटिस पर पार्टी ने पलटवार किया है। प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा है कि केंद्रीय एजेंसियों के जरिए भाजपा विपक्ष के नेताओं को निशाना बना रही है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह को शराब घोटाले में गिरफ्तारी का हवाला देते हुए इसे अभिषेक बनर्जी के नोटिस से कुणाल ने जोड़ा है। उन्होंने कहा कि हकीकत यह है कि केंद्रीय एजेंसियां अब भाजपा के लिए एक हथियार के तौर पर काम कर रही हैं जो विपक्ष को डरा धमका कर आवाज दबाने की कोशिश कर रही है।
दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल से भी इस घटना को लेकर भाजपा पर निशाना साधा है।
तृणमूल ने ट्वीट कर कहा कि जब भाजपा के भ्रष्ट तौर तरीकों और दमनकारी राजनीति के खिलाफ आवाज उठती है तो वह अपना असल रंग दिखाती है। कल (मंगलवार) हमारे नेताओं और वंचित लाभार्थियों ने जिस दुर्व्यवहार का सामना किया वह राष्ट्र के प्रति उनकी (भाजपा की) ओछी रणनीतियों को दिखाता है। हमारी प्राथमिकता को दोहराते हुए हम भाजपा को बंगाल की आवाज नहीं दबाने देंगे।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने घटना की निंदा करते हुए इसे ‘लोकतंत्र का काला दिवस’ करार दिया था।
अभिषेक बनर्जी ने पार्टी सांसदों, राज्य सरकार में मंत्रियों व समर्थकों और मनरेगा मजदूरों के साथ नयी दिल्ली के जंतर-मंतर पर मंगलवार को विरोध प्रदर्शन किया था। बनर्जी ने महात्मा गांधी की जयंती के मौके पर दो अक्टूबर को राजघाट पर दो घंटे का धरना भी दिया था लेकिन उन्हें वहां से पुलिस द्वारा हटा दिया गया।
इसके बाद उन्होंने कृषि भवन में ग्रामीण विकास मंत्रालय तक मार्च निकाला, जहां उनकी मुलाकात राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति से निर्धारित थी।
हालांकि, कृषि भवन पहुंचने के करीब डेढ़ घंटे बाद तृणमूल कांग्रेस नेताओं ने दावा किया कि मंत्री ने उनसे यह कहते हुए मिलने से मना कर दिया कि वह पांच से ज्यादा प्रतिनिधियों से मुलाकात नहीं करेंगी।
इसके बाद अभिषेक बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल नेताओं का एक समूह धरने पर बैठ गया, जो रात नौ बजे तक जारी रहा। धरना दे रहे नेताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया और मंत्रालय परिसर खाली करा लिया गया। बाद में नेताओं को छोड़ दिया गया।