कोलकाता : पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव हिंसा की स्थिति का आकलन करने पहुंची भारतीय जनता पार्टी की फैक्ट फाइंडिंग टीम ने गुरुवार को राज्यपाल डॉ सी. वी. आनंद बोस से मुलाकात की है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में टीम के सदस्यों ने राज्यपाल से शिकायत के बाद राजभवन के बाहर मीडिया से बात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का प्रशासन चुनाव के समय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में न केवल विफल रहा है बल्कि संवेदनहीनता की सीमा पार कर गया है। उन्होंने कहा कि हम लोगों ने हिंसा के शिकार कई लोगों से बुधवार को मुलाकात की है। आश्चर्यजनक है कि 12-13 साल के बच्चों को भी हमले में शिकार बनाया गया है।
उन्होंने कहा कि मीनाखा में एक राजमिस्त्री रहते हैं जिनका नाम है शांतनु पात्र। हम लोग उनके घर गए थे वह तमिलनाडु में मजदूरी का काम करते हैं। उनके घर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तस्वीर लगी है जिसके बाद तृणमूल कांग्रेस के लोग उनके घर को पूरी तरह से नष्ट कर चुके हैं।
खास तौर पर बांग्लादेश की सीमा से सटे इलाके में तांडव का जिक्र करते हुए रविशंकर ने कहा कि आज हम लोग डायमंड हार्बर जाएंगे। (मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी का संसदीय क्षेत्र है।) हमें उम्मीद है हमें सब प्रभावित लोगों से मिलने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हिंसा प्रभावित लोगों के घरों में जाकर के भयानक तस्वीरें देखने को मिली हैं। इसकी पूरी रिपोर्ट हम लोगों ने राज्यपाल डॉक्टर सी वी आनंद बोस को दी है। हर जगह भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमले, तोड़फोड़, आगजनी की गई है लेकिन पुलिस ने किसी भी मामले में कार्रवाई नहीं की है।
ममता बनर्जी की टिप्पणी पर सवाल खड़ा करते हुए रविशंकर ने कहा कि लोगों की मौत पर मुख्यमंत्री दुख जाहिर कर रही हैं लेकिन जो पुलिस अधिकारी हालात को नहीं संभाल पाएं या हिंसा रोकने में विफल रहें। अथवा हमलावरों के खिलाफ कार्रवाई तक नहीं कर रहे हैं उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हो रही ?