नयी दिल्ली : भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) ने 28 एवं 29 मार्च को सेंट्रल ट्रेड यूनियनों की प्रस्तावित देशव्यापी हड़ताल को राजनीति से प्रेरित बताया है। बीएमएस ने कहा है कि वह इस हड़ताल में शामिल नहीं होगा।
बीएमएस के राष्ट्रीय महामंत्री विनय कुमार सिन्हा ने गुरुवार को कहा कि 28 एवं 29 मार्च को सेंट्रल ट्रेड यूनियनों की प्रस्तावित हड़ताल राजनीति से प्रेरित है, इसलिए बीएमएस इस हड़ताल में शामिल नहीं होगा। उन्होंने कहा कि हड़ताल का आह्वान करने वाले सभी सेंट्रल ट्रेड यूनियनें किसी न किसी राजनीतिक दल से संबद्ध हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इन ट्रेड यूनियनों का मजदूर और कामगारों के हित से भी कोई लेनादेना नहीं है। उन्होंने कहा कि मजदूरों और कामगारों की समस्याओं के समाधान के लिए राजनीति से परे रहकर यदि प्रयास किया जाता तो इसमें बीएमएस भी सहभागी होता। उन्होंने कहा कि मजदूरों और कामगारों की समस्याओं के समाधान के प्रति बीएमएस हमेशा प्रयासरत रहा है और आगे भी रहेगा।
बीएमएस के क्षेत्रीय संगठन मंत्री पवन कुमार ने कहा कि इन ट्रेड यूनियनों ने पहले यह हड़ताल फरवरी में करने का आह्वान किया था लेकिन पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के कारण इसे स्थगित कर दिया था। उन्होंने कहा कि इस समय मजदूरों की मांग कोई मुद्दा नहीं है। ये लोग शुद्ध रूप से राजनीति कर रहे हैं। फरवरी में प्रस्तावित यह हड़ताल सिर्फ मजदूरों के मुद्दे पर था लेकिन अब मार्च में प्रस्तावित इस हड़ताल में छात्रों और किसानों का मुद्दा भी जोड़ लिया गया है। पवन कुमार ने दावा किया कि इस प्रस्तावित हड़ताल को मजदूरों और किसानों का समर्थन नहीं मिलेगा।
उल्लेखनीय है कि सेंट्रल ट्रेड यूनियनों ने केंद्र सरकार की कामगार, किसान और जनविरोधी नीतियों के विरोध में 28 एवं 29 मार्च को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। इन ट्रेड यूनियनों में इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस, ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस, हिंद मजदूर सभा, सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस, ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर, ट्रेड यूनियन कॉर्डिनेशन सेंटर, सेल्फ एम्प्लॉयड वुमेन्स एसोसएिशन, ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियनन्स, लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशन और यूनाइटेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस शामिल हैं।