संजय और उदय दास बनकर छिपे थे बेंगलुरु ब्लास्ट के दोनों आरोपित, एनआईए ने ऐसे लगाया पता

कोलकाता : रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में घटना के 42 दिनों बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के कांथी से दो आरोपितों को गिरफ्तार किया था। दोनों आरोपित मुसाविर हुसैन शाजिब और अब्दुल मथीन ताहा कुख्यात आतंकवादी संगठन आईएसआईएस के सक्रिय सदस्य हैं। दोनों संजय और उदय दास के फर्जी नाम से कांची के होटल में छिपे थे।

गिरफ्तारी के बाद एनआईए को पता चला कि दोनों पश्चिम बंगाल में नई पहचान के साथ रह रहे थे। इन्होंने बंगाल में दो जगहों पर अपना ठिकाना बनाया था और दोनों जगह फर्जी पहचान पत्र के जरिये हिंदू बनकर कमरा लिया। शाज़ेब ने युशा शाहनवाज पटेल नाम का एक नकली आधारकार्ड इस्तेमाल किया और खुद को पालघर, महाराष्ट्र से होने का दावा किया। ताहा ने खुद को एक स्थान पर कर्नाटक का विग्नेश बीडी और दूसरे स्थान पर अनमोल कुलकर्णी बताया और इसी नाम की आईडी दिखाई। दूसरे होटल में उन्होंने अपना नाम झारखंड और त्रिपुरा के संजय दास और उदय दास बताया।

एनआईए के एक अधिकारी ने बताया कि दोनों गेस्टहाउस और प्राइवेट लॉज में ही रुके, जहां वेरिफिकेशन के लिए मजबूर नहीं किया जाता है। अधिकारियों ने बताया कि कैफे में इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) शाजिब ने रखा था, जबकि ताहा विस्फोट की योजना बनाने और उसे अंजाम देने का मास्टरमाइंड था। कांथी के जिस होटल से दोनों को गिरफ्तार किया गया वहां संजय और उदय दास के नाम से दोनों ठहरे हुए थे। दोनों से और पूछताछ हो रही है।

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