ब्रेथवेट एंड कंपनी लिमिटेड को रेल मंत्रालय, भारत सरकार से मिला मिनीरत्न श्रेणी-1 का दर्जा

कोलकाता : पिछले तीन वर्षों से प्रगति के पथ पर अग्रसर ब्रेथवेट एंड कंपनी लिमिटेड को अब रेल मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से मिनीरत्न श्रेणी-1 का दर्जा मिल गया है। गुरुवार को कोलकाता में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में ब्रेथवेट एंड कंपनी लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक यतीश कुमार ने कहा कि यह सफलता टीम के सामूहिक प्रयास से संभव हुआ है। अनुभव और युवा जोश के तालमेल ने पिछले तीन वर्षों में घाटे में चल रही एक कंपनी को आज मिनीरत्न श्रेणी-1 तक पहुंचाया है, यही ब्रेथवेट के सफलता की कहानी है। अब ब्रेथवेट का लक्ष्य 2025 में 2500 करोड़ का बिजनेस ग्रोथ प्लान है और फिर कंपनी आइपीओ के लिए जाएगी।

उन्होंने कहा कि सेवा के विविध क्षेत्रों में अपना विस्तार कर ही यह कंपनी सरकार, कर्मचारियों और सहयोगियों के साथ निरंतर नई ऊंचाइयां को छू रही है। तीन वर्ष पहले तक सिर्फ वैगन निर्माण तक सीमित यह कंपनी अब 10 से अधिक वर्टिकल में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी उपस्थिति दर्ज करवा चुकी है। यतीश कुमार ने बताया कि कोविड-19 महामारी के प्रभावों के बावजूद वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान दिसंबर 2021 तक, ब्रेथवेट ने 488.41 करोड़ रुपये का कारोबार किया है और वित्त वर्ष 2021-22 को 700 करोड़ रुपये के टर्नओवर (पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 15% की वृद्धि) के साथ समाप्त करने की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि ब्रेथवेट के फर्श से अर्श तक पहुँचने की कहनी में इससे जुड़े हर एक व्यक्ति का सहयोग है और इसके लिए उन्होंने सभी को धन्यवाद दिया।

वहीं, कंपनी की उपलब्धियों पर निदेशक (वित्त) कल्याण कुमार कोआरी ने कहा कि यह ब्रेथवेट के सभी सदस्यों के लिए गर्व का दिन है, यह शीर्ष नेतृत्व के साथ-साथ सभी अधिकारी-कर्मचारी के साझा प्रयास का परिणाम है। ब्रेथवेट की स्थापना वर्ष 1913 में कोलकाता में हुई थी, जिसका वर्ष 1976 में सरकार की पूर्ण स्वामित्व वाली भारतीय उपक्रम के रूप में इसका राष्ट्रीयकरण किया गया। वर्तमान में यह कंपनी रेल मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में है। इसकी उत्पाद श्रृंखला में रेलवे रोलिंग स्टॉक का निर्माण, पुराने रोलिंग स्टॉक की मरम्मत / रेट्रो फिटमेंट, वैगन कंपोनेंट्स की सब-असेंबली का निर्माण, रेलवे कार्यशाला का ओ एंड एम, सिविल जॉब्स सहित संरचनात्मक स्टील पुल शामिल हैं।

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