ब्रिक्स विस्तार से मिलेगी बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था को मजबूतीः प्रधानमंत्री

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ब्रिक्स में सदस्य के तौर पर छह नए देशों को शामिल किए जाने का स्वागत करते हुए कहा है कि इससे संगठन मजबूत होगा तथा बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था पर अन्य देशों का विश्वास कायम होगा।

दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में आयोजित 15वें शिखर सम्मेलन में मोदी ने कहा कि बहुत से अन्य देश भी ब्रिक्स में शामिल होने के इच्छुक हैं। संगठन में इन देशों को सहयोगी देश के रूप में शामिल करने में खुशी होगी। इन देशों को शामिल करने के बारे में मतैक्य कायम करने में भारत मदद करेगा। उन्होंने कहा कि भारत हमेशा से ब्रिक्स विस्तार का समर्थक रहा है तथा निश्चित अहर्ताओं, मानकों और प्रकिया पर आज इस संबंध में साझा समझ कायम हुई है।

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उल्लेखनीय है कि ब्रिक्स के वर्तमान अध्यक्ष देश दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की जोहान्सबर्ग घोषणा जारी करते हुए विस्तार की घोषणा की। ब्रिक्स में छह देशों को शामिल किया गया है। सभी 1 जनवरी, 2024 से समूह के सदस्य होंगे। इनमें दक्षिण अमेरिका से एक अर्जेंटीना, अफ्रीका से दो मिस्र, इथोपिया और पश्चिमी एशिया से तीन ईरान, सऊदी अरब और यूएई को सम्मिलित करने का फैसला किया गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि ब्रिक्स शिखरवार्ता के बहुत से सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि नए सदस्यों के शामिल होने से ब्रिक्स मजबूत होगा तथा हमारे साझा प्रयासों को बल मिलेगा। मोदी ने कहा कि ब्रिक्स के विस्तार को सामने रखते हुए अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं का भी समय के अनुरूप सुधार होना चाहिए। पिछली शताब्दी में बने अंतरराष्ट्रीय संगठनों को कानूनी बनाने के लिए ब्रिक्स की पहल एक मिसाल बन सकती है।

उन्होंने चन्द्रयान-3 के सफल अभियान को भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व की उपलब्धि करार दिया। उन्होंने कहा कि दुनियाभर के वैज्ञानिकों के लिए यह एक गर्व का विषय है। प्रधानमंत्री ने कहा कि चन्द्रयान अभियान की सफलता की गूंज ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में सुनाई दी तथा विभिन्न देशों के नेताओं ने उन्हें बधाई दी है। मोदी ने बधाई संदेश के लिए उन सभी का आभार व्यक्त किया।

शिखर सम्मेलन के साथ ही गुरुवार को ब्रिक्स अफ्रीका आउटरिच और ब्रिक्स प्लस डायलॉग का भी आयोजन हुआ। मोदी ने कहा कि ब्रिक्स और सहयोगी देश बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था को मजबूत करने में सहयोग कर सकते हैं। अफ्रीका के साथ भारत के पुराने संबंधों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि आज भारत अफ्रीका का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है तथा पांचवां सबसे बड़ा निवेशक है। अफ्रीका में भारत के 16 नए दूतावास खोले गये हैं।

उन्होंने अफ्रीका के संघर्षरत क्षेत्रों में भारत के शांति रक्षकों की भूमिका की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि अफ्रीका के विभिन्न देशों में शांति बहाली के प्रयास में 4400 भारतीय रक्षक तैनात हैं। इनमें महिलाएं भी शामिल हैं। भारत आतंकवाद और समुद्री डकैती के खिलाफ अभियान में अफ्रीकी देशों के साथ मिलकर काम कर रहा है।

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